Uttar Pradesh

अयोध्या के राजकीय वृक्ष के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे रामलला, जानें इसकी खासियत



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: होली में अब 3 दिन बाकी हैं. ऐसे में फाग की धुन इन दिनों अयोध्या के मठ-मंदिरों में सुनाई दे रही है. खास बात यह है कि इस बार की होली अयोध्या में आकर्षण का केंद्र होगी. 495 साल बाद रामलला के भव्य महल में होली खेली जाएगी. होली को लेकर राम मंदिर में तैयारियां जारी हैं. गौरतलब है कि रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहली होली है. इस आयोजन को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट तैयारियों में जुट गया है. रामलला इस बार की होली कचनार के फूलों से बने हर्बल गुलाल से खेलेंगे. इस खास गुलाल को राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने तैयार किया है.

रामलला के लिए लखनऊ के वैज्ञानिकों ने कचनार के फूलों से अबीर और गुलाल तैयार किया है. खास बात यह है कि इसमें फूलों को भी मिश्रित किया गया है. राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने यह गुलाल राम मंदिर ट्रस्ट को समर्पित कर दिया है. गौरतलब है कि कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था. कचनार के फूलों से यह गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में बनाया गया है. यह खास गुलाल चमकीले नहीं है क्योंकि इनमें लेड, क्रोमियम और निकल जैसे केमिकल नहीं होते हैं. फूलों से निकाले गए रंगों को प्राकृतिक घटकों के साथ मिलाकर पाउडर बनाया जाता है इसे त्वचा से आसानी से पोंछ कर हटाया जा सकता है.

राम मंदिर में होली होगी खास495 साल बाद रामलला के भव्य मंदिर की पहली होली बेहद खास होगी. रामलला को अबीर और गुलाल भी लगाया जाएगा. रामलला 5 वर्षीय बालक के रूप में मंदिर में विराजमान है. ऐसे में उन्हें हर्बल गुलाल लगाया जाएगा जो राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. यह गुलाल कचनार के फूलों से तैयार किया गया है. जिसे वैज्ञानिकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया था. शुक्रवार को इस खास गुलाल को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को समर्पित किया गया.

महासचिव चंपत राय की अपीलराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मेरे पास कचनार के फूलों का गुलाल लखनऊ से आया है. इस गुलाल को होली के दिन रामलला को समर्पित कर किया जाएगा. राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने इस गुलाल को तैयार किया है. हम उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं. मेरी लोगों से अपील है कि प्राकृतिक फूलों के रंग और गुलाल का इस्तेमाल करें.
.Tags: Ayodhya News, Local18, Ram mandir newsFIRST PUBLISHED : March 22, 2024, 22:59 IST



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