Uttar Pradesh

Lath Maar Holi was played in the colorful street of Barsana – News18 हिंदी



सौरव पाल/मथुरा. ब्रज की होली पूरे विश्व में मशहूर है. कहते हैं कि जगत होली, ब्रज होरा… क्योंकि यहां होली का त्योहार एक दो दिन का नहीं, बल्कि पूरे 40 दिनों तक मनाया जाता है. जहां होली में केवल रंग गुलाल का प्रयोग होता है, वहीं ब्रज की होली इससे अलग है. जिस होली का ब्रज के साथ-साथ पूरे विश्व को इंतजार रहता है, वह है बरसाना की लट्ठमार होली. बरसाना में फाग आमंत्रण स्वीकार करने के बाद नंदगांव से भगवान कृष्ण अपने सखाओं के साथ ढाल लिए बरसाना आते हैं. इन्हें हुरियारे कहा जाता है और इन हुरियारों का स्वागत बरसाना की हुरियारनें लट्ठ लेकर करती हैं.

बरसाना की हुरियारन कविता ने लोकल18 को बताया कि बरसाना में फाग आमंत्रण स्वीकार करने के बाद लड्डू होली खेली जाती है. उसके अगले दिन नंदगांव से भगवान कृष्ण अपने ग्वालों और सखाओं के साथ बरसाना आते हैं. आज के समय में नंदगांव के हुरियारे अपने साथ झंडी लेकर आते हैं. जिसे राधा कृष्ण का प्रतीक चिह्न माना जाता है. जैसे ही हुरियारे झंडी के साथ बरसाना पहुंचते हैं, बरसाना वसियों को संकेत मिल जाता है कि नंदगांव से हुरियारे होली खेलने आ गए हैं.

रंग से स्वागत, फिर लट्ठमार इसके बाद सभी हुरियारे बरसाना मंदिर में दर्शन को जाते हैं और मंदिर दोनों गांव के बीच समाज और होली के पद गायन किए जाते हैं. इस बीच मंदिर में जमकर रंग गुलाल उड़ाया जाता है और पारंपरिक टेसू के रंग से सभी का स्वागत किया जाता है. इस बार मंदिर में करीब 8000 लीटर से अधिक टेसू का रंग और 10 क्विंटल से अधिक गुलाल उड़ाया गया. जैसे ही मंदिर में समाज गायन की परंपरा पूर्ण होती है, सभी हुरियारे निकल पड़ते हैं बरसाना की गलियों में लट्ठमार होली खेलने.

जब भगवान कृष्ण बरसाना में होली खेलने आए इस होली का मुख्य आयोजन रंगीली गली में होता है. मान्यता के अनुसार जब भगवान कृष्ण बरसाना में होली खेलने आए तो उन्होंने देखा कि बरसाना की सखियां लट्ठ लेकर खड़ी हैं. रंगीली गली से बरसाना की सखियों ने लट्ठमार कर कृष्ण को भगाया था. इस भव्य होली के लिए पूरा गांव कई दिनों तक तैयारियां करता है. बरसाना की सखियां इस दिन सुंदर साड़ियां पहन कर शृंगार करती हैं. होली पर विभिन्न प्रकार की सवैया, गीत मस्ती भरे अंदाज में हुरियारे, गोपियों को छेड़ने के लिए गाते हैं. दोनों ही तरफ से प्रेम भरी गालियां भी दी जाती हैं. 
.Tags: Holi, Holi news, Local18, Mathura newsFIRST PUBLISHED : March 19, 2024, 19:23 IST



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