Health

Covid-19 has reduced life expectancy by 1.6 years claims latest study published in The Lancet | कोरोना महामारी ने 1.6 साल घटा दी लोगों की उम्र, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!



कोरोना महामारी न केवल सेहत पर बल्कि समाज के हर पहलू पर गहरा प्रभाव छोड़ गई है. शोधकर्ताओं ने हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है कि इस महामारी ने दुनिया भर के लोगों की सेहत पर गहरा प्रभाव डाला है, जिसके कारण दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में औसत आयु में गिरावट आई है.
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, कोरोना ने वैश्विक जीवन प्रत्याशा (global life expectancy) को काफी प्रभावित किया है. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (जीबीडी) 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 1.6 साल की कमी आई है. यह आंकड़ा स्वास्थ्य सुधार के पिछले रुझानों में आए अचानक बदलाव को दर्शाता है.वयस्कों के लिए ये आंकड़े डराने वाले हैं, वहीं बच्चों के मृत्यु दर में कमी की एक पॉजिटिव झलक भी सामने आई है. अध्ययन में पाया गया कि 2021 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 2019 की तुलना में 7% की कमी आई है. आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौतें 2019 की तुलना में आधा मिलियन कम रहीं.
एक्सपर्ट का बयानयूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युएशन (IHMI) में हेल्थ मेट्रिक्स साइंस के सहायक प्रोफेसर डॉ. ऑस्टिन ई. शुमैकर ने कहा कि वयस्कों के लिए कोरोना महामारी का प्रभाव पिछले 50 वर्षों में देखी गई किसी भी घटना से अधिक रहा है, जिसमें युद्ध और प्राकृतिक आपदाएं भी शामिल हैं.
कौन से देश हुए ज्यादा प्रभावितशोध में कोरोना के कारण मृत्यु दर में वृद्धि वाले कुछ कम ज्ञात क्षेत्रों को भी उजागर किया गया है, जिनमें जॉर्डन और निकारागुआ शामिल हैं. साथ ही, दक्षिण अफ्रीका के कुछ प्रांतों जैसे क्वाजुलु-नटाल और लिम्पोपो में जीवन प्रत्याशा में गिरावट दर्ज की गई है. दूसरी ओर, बारबाडोस, न्यूजीलैंड, एंटीगुआ और बारबुडा जैसे देशों में महामारी के दौरान मृत्यु दर अन्य तुलना में कम रही. हालांकि, महामारी की वजह से 2020 और 2021 में दुनिया भर में लगभग 1.6 करोड़ लोगों की जान गई, लेकिन पिछले सात दशकों में हुई प्रगति पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा पिछले 70 वर्षों में लगभग 23 वर्ष बढ़ी है.
जीबीडी 2021 अध्ययन न केवल महामारी के तत्काल प्रभावों का आकलन करता है, बल्कि यह दुनिया भर में भविष्य की स्वास्थ्य प्रणालियों, अर्थव्यवस्थाओं और समाजों के लिए इसके अनुमान की भी पड़ताल करता है. यह वर्तमान सफलताओं के आधार पर निर्माण, भविष्य की महामारियों की तैयारी और विभिन्न देशों में स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने के महत्व को रेखांकित करता है. 



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