Uttar Pradesh

इन बातों का रखें ध्यान…रोजे में डायबिटीज नहीं बनेगी परेशानी, शुगर भी होगा कंट्रोल-keep-these-things-in-mind-diabetes-will-not-become-problem-during-fasting – News18 हिंदी



वसीम अहमद/अलीगढ़: रमजान का पवित्र महीना 11 मार्च से शुरू होकर 9 अप्रैल 2024 तक चलेगा. इन 30 दिनों को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों के लिए इस दौरान उपवास रखते हैं जिसे रोजा कहा जाता है. हालांकि पवित्र कुरान के अनुसार बीमार लोगों को उपवास करना जरूरी नहीं है. लेकिन कई लोग डायबिटीज होने पर भी पूरे महीने रोजा रखते हैं. वैसे तो शुगर की समस्या होने पर खाने-पीने के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर डायबिटीज के मरीज भी रोजा रख सकते हैं.

रमजान में रोजा कितने घंटे का होगा यह सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करता है. रोजे में को सुबह की पहली किरण से लेकर सूरज डूबने तक कुछ भी नहीं खाया जाता है. खाने के बीच लंबा अंतराल शरीर के अंदर पाचन तंत्र में बदलाव ला सकता है जो डायबिटीज मरीजों के लिए समस्या पैदा कर सकता है. ऐसी समस्या से बचने के लिए डायबिटीज के मरीज अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा रमजान के इस पवित्र माह में डायबिटीज मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9027502774,7455041636 जारी किये गए हैं.

क्या है हाइपोग्लाइसीमिया ?जेएन मेडिकल कॉलेज के राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज के निदेशक प्रो. शीलू शफीक सिद्दीकी बताते हैं कि डायबिटीज पीडि़त शख्स भी रोजे रख सकते हैं, मगर इसके लिए डॉक्टर से परामर्श जरूरी है ताकि स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर न पड़े. उपवास के दौरान शुगर के स्तर में काफी बदलाव आ जाता है. जिससे मरीज को हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, यह अचानक ब्लड शुगर कम होने का संकेत होता है और मरीज बेहोश हो सकता है या सीजर हो सकता है. जिसका मतलब होता है कि खून में शुगर का अचानक बढ़ जाना जिससे कमजोरी, प्यास, सिर दर्द और नजर में धुंधलापन आ सकता है. इस समस्या को इंसुलिन की उचित मॉनिटरिंग करके स्थिति को संभाल जा सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान⦁ रमजान के दौरान डायबिटीज के मरीज अगर रोजे रखे जा रहे हैं तो शुरुआत से पहले ब्लड शुगर की जांच जरूर करें⦁ उपवास में डिहाइड्रेशन एक सामान्य और गंभीर जोखिम है जिसका सामना विशेष रूप से मधुमेह के रोगियों को करना पड़ता है. ऐसे में नींबू पानी, छाछ, नारियल का पानी, खरबूजे, कम चीनी वाले ताजे फलों का रस, गुलाब के शरबत का पर्याप्त सेवन करें.⦁ टाइप वन व टाइप टू मधुमेह रोगी अथवा जिन्हें निरंतर इंसुलिन लेने की जरूरत होती है, उनके लिए थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद अपने रक्त में ग्लूकोज की निगरानी करना जरूरी है.⦁ अगर मरीज का शुगर 70 से कम हो या 300 से अधिक पहुंच जाए तो उसे तुरंत रोजा खोल लेना चाहिए.
.Tags: Aligarh news, Health News, Life18, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 22:33 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Maharashtra Government Approves Policy to Boost Digital Content Sector
Top StoriesSep 17, 2025

महाराष्ट्र सरकार ने डिजिटल कंटेंट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति को मंजूरी दी

महाराष्ट्र को डिजिटल कंटेंट और इमर्सिव टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब बनाने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को…

authorimg
Uttar PradeshSep 17, 2025

पति खोया, सहारा टूटा… लेकिन नहीं मानी हार, अपने हौसले से रची नई जिंदगी, गांव की हर महिला के लिए प्रियंका बनीं प्रेरणा

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक महिला की कहानी है जिसने हार नहीं मानी और समाज के…

Lanka Dinakar Reviews Tourism Potential in West Prakasam District
Top StoriesSep 17, 2025

लंका दिनकर ने पश्चिम प्रकासम जिले के पर्यटन संभावनाओं की समीक्षा की

नेल्लोर: ट्वेंटी पॉइंट प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमिटी के चेयरमैन लंका दिनकर ने मंगलवार को पश्चिम प्रकाशम जिले के पर्यटन…

Scroll to Top