पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला जिसके मौत के बाद उसके गानों ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की, जिसका नाम आज भी लोगों के जुबान पर रहता है. आज एक बार फिर यह नाम इंटरनेट पर छाया हुआ है, इसके पीछे का कारण है- सिंगर की मां चरण कौर की प्रेग्नेंसी की खबर. क्योंकि सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे, जिसकी मौत के बाद वह बिल्कुल अकेले रह गए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब सिंगर के पेरेंट्स ने दोबारा परिवार शुरू करने का फैसला लिया है, और 58 साल की उम्र में सिंगर की मां गर्भवती हैं. हालांकि, उम्र ज्यादा होने के कारण चरण कौर नेचुरली कंसीव नहीं कर सकती थी इसलिए उन्होंने इसके लिए आईवीएफ की मदद ली है. आईवीएफ क्या होता है?
इन विट्रो फर्टीलाइजेशन जिसे शॉर्ट में आईवीएफ (IVF) भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल उन महिलाओं के लिए किया जाता है जो नेचुरल तरीके से कंसीव कर पाती हैं. इस ट्रीटमेंट के दौरान महिला के एग को निकालकर लैब में फर्टीलाइज करवाया जाता है, क्योंकि उसका खुद का शरीर इस काम करने में सक्षम नहीं होता है.
आईवीएफ ट्रीटमेंट से महिला कैसे प्रेगनेंट होती है
आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए सबसे पहले महिला के हेल्दी एग और पुरुष के हेल्दी स्पर्म को कलेक्ट करके दोनों को लैब में फर्टीलाइज किया जाता है. इसके बाद फर्टीलाइज फिटस या भ्रूण को एक इंजेक्शन के माध्यम से महिला के गर्भाशय में पहुंचा दिया जाता है.
ऐसा होता है आईवीएफ का पूरा प्रोसेस
आईवीएफ के लिए सबसे पहले कपल का डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है.
इसके बाद डॉक्टर महिला को ओवेरियन स्टिमुलेशन के लिए कुछ दवा और इंजेक्शन देते हैं. यह महिला की बॉडी में अंडों की संख्या को बढ़ाने के लिए 4-6 या 6-12 दिनों के भीतर दिया जाता है.
फिर अंडे को मैच्योर करने के लिए ट्रिगर इंजेक्शन दिया जाता है.
अब मैच्योर अंडों को बाहर निकाला जाता है, जिसमें आधे घंटे तक का समय लगता है.
इसके बाद पार्टनर पुरुष का स्पर्म लिया जाता है, इसमें से एक्टिव स्पर्म को अलग कर लिया जाता है.
फिर शुरू होती है लैब में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया.
जब एग फर्टलाइज हो जाते हैं तो इसके थोड़े विकास के लिए 5-6 दिन लैब में ही रखा जाता है.
अंत में इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है और दो हफ्ते बाद जांच करके इसकी सफलता की पुष्टि की जाती है.
IVF ट्रीटमेंट का खर्च कितना है?
आईवीएफ का खर्च भारत में 1.5 से 2 लाख के लगभग है. यह कीमत इलाज में लगने वाले समय, दवाओं और इसके खर्चे पर इससे ज्यादा भी हो सकती है. इसके अलावा आईवीएफ ट्रीटमेंट की फीस क्लीनिक और शहर पर भी निर्भर करता है.

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