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AIIMS Delhi shares WhatsApp Helpine number 9355023969 to alert hospital admin about touts bribes | AIIMS Delhi ने जारी किया व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर, ठगों और दलालों की कर सकेंगे शिकायत



AIIMS Delhi WhatsApp Helpline Number: दिल्ली का एम्स एक नामी सरकारी अस्पताल है, जहां अलग-अलग तरह की मॉडर्न मेडिकल फेसिलिटीज उपलब्ध है, लेकिन कई बार यहां आम लोग ठगों के चक्कर में पड़कर अपना नुकसान कर बैठते हैं. ऐसे में अब अस्पताल मरीजों के साथ ठगी करने वाले लोगों पर कार्रवाई करेगी. इसी के मद्देनजर एम्स प्रशासन ने 21 फरवरी को एक व्हाट्सएप नंबर शेयर किया, जिस पर लोग ठगी या रिश्वत लेने से जुड़ी शिकायतें और सबूत भेज सकते हैं. ऑफिस ऑर्डर में कहा गया है कि ये नंबर 29 फरवरी तक चालू हो जाएगा.

दलाल और एजेंट पर नकेल कसने की तैयारी
इस आदेश के अनुसार, एम्स के डायरेक्टर एम श्रीनिवास (M Srinivas) ने मरीजों और उनके रिश्तेदारों से बातचीत के दौरान पाया कि दलाल और एजेंट उनमें से कुछ को एम्स के बाहर दवाइयां उपलब्ध कराने या जांच में उनकी मदद करने का नाटक करके या उन्हें फास्ट टर्नअराउंड टाइम्स के लिए दूसरे अस्पतालों में रेफर करके ठग रहे थे. इस खतरे से निपटने और ये सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी मरीज से दलाल/एजेंट संपर्क न करें, ठगी/रिश्वत लेने से जुड़ी शिकायतों और सबूतों का मैसेज देने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर (9355023969) 29 फरवरी, 2024 तक चालू कर दिया जाएगा.
‘ऑडियो या वीडियो प्रूफ देना होगा’
इस ऑर्डर के मुताबिक “एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर – अगर कोई दलाल/एजेंट आपका या किसी का शोषण कर रहा है या एम्स दिल्ली में सेवाओं के लिए रिश्वत मांग रहा है, तो प्लीज ऑडियो या वीडियो प्रूफ और स्थान के साथ उनकी शिकायत इस व्हाट्सएप नंबर: +91-9355023969 पर भेजें.” आदेश में यह भी कहा गया है कि यह नंबर ओपीडी, वार्ड, वेटिंग एरियाज, स्टोर्स, फार्मेसीज आ सहित सभी क्षेत्रों में अंग्रेजी और हिंदी में प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए,”यह नंबर आम शिकायतों पर ध्यान नहीं देगा, बल्कि केवल दलालों/एजेंटों द्वारा मरीजों को ठगने या एम्स, दिल्ली में किसी के द्वारा किसी भी सेवा के बदले रिश्वत मांगने की शिकायतों पर ही संज्ञान लेगा.”
24×7 निगरानी
यह नंबर सुरक्षा विभाग द्वारा 24×7 निगरानी में रहेगा. शिकायतों के जल्द वेरिफिकेशन और तत्काल जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, नियमित सुरक्षा कर्मचारियों की एक टीम कंट्रोल रूम (कमरा संख्या 12, ओल्ड प्राइवेट वार्ड) के बगल स्थित पेजिंग रूम में 24×7 आधार पर तैनात रहेगी. आदेश में कहा गया है कि व्हाट्सएप नंबर पर कोई भी शिकायत मिलने पर, कंट्रोल रूम में ड्यूटी अधिकारी की सलाह से शिकायत को सत्यापित करने के लिए एक टीम को तुरंत भेजा जाएगा.
 शिकायतों का लॉग बुक
अगर शुरुआती वेरिफिकेशन करने पर शिकायत सही पाई जाती है, तो ड्यूटी अधिकारी संबंधित प्रशासनिक प्रभारी की सलाह से तत्काल कार्रवाई की जाएगी. सुरक्षा विभाग सभी शिकायतों का एक लॉग बुक बनाए रखेगा, जिसमें शिकायत का समय, सत्यापन का समय और उसके निष्कर्ष, उक्त शिकायत के संबंध में की गई कार्रवाई आदि शामिल होंगे. आदेश में कहा गया है कि लॉग की समरी डायरेक्टर के ऑफिस और एडिशनल डायरेक्टर (एडमिन) के ऑफिस को हर दिन सुबह 9 बजे तक पेश प्रस्तुत किया जाएगा.

रिश्वत-मुक्त एम्स बनाने का लक्ष्य
एम्स के ऑर्डर के मुताबिक, “इस बात पर जोर दिया जाता है कि दलाल-मुक्त और रिश्वत-मुक्त एम्स बनाना एम्स के हर कर्मचारी की संयुक्त जिम्मेदारी है, जिसमें केंद्रों के प्रमुख, चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ अधिकारी, फैकल्टी आदि शामिल हैं. हालांकि, चूंकि सुरक्षा विभाग ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है, इसलिए मरीजों या उनके एटेंडेंट्स से किसी भी क्षेत्र में ठगी या रिश्वत लेने की सत्यापित शिकायतों के मामले में, उक्त क्षेत्र में तैनात पूरे आउटसोर्स सुरक्षा कर्मचारियों को राहत दी जाएगी और फैक्ट फाइंडिंग और अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित रहने तक उस क्षेत्र में तैनात/प्रभारी नियमित एम्स सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा. अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के अलावा, उचित फैक्ट चेक और निर्धारित नियमों के अनुसार संबंधित क्षेत्रों के पर्यवेक्षी निरीक्षण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी.”
(इनपुट-पीटीआई)



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