Free CT Scan at AIIMS to Check Lung Cancer In Early Stage: दिल्ली का एम्स अस्पताल एक ऐसी फैसिलिटी लाने जा रहा है जिससे कई लोगों को फायदा मिल सकता है. दरअसल डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनरी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन (Department of Pulmonary Critical Care and Sleep Medicine) एक पायलट स्टडी करने जा रहा है, जिसकी मदद से स्मोकिंग करने वाले लोगों में लंग कैंसर का पता लगाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा.
किन लोगों का होगा सीटी स्कैन?इस स्टडी में 50 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया जाना है, जो काफी ज्यादा धुम्रपान करते हैं. उनके लिए चेस्ट का सीटी फ्री लो डोज सीटी स्कैन की व्यवस्था की गई है. भारत में फेफड़ों का कैंसर चिंता एक बड़ा कारण बना हुआ है, पिछले साल देश में तकरीबन 1 लाख मामले सामने आए थे और लेट स्टेज में डाइग्नोज किए गई लंग कैंसर के मरीजों के जिंदा बचने की संभवानाएं महज 8.8 महीने ही रहती है, जो परेशान करने वाला तथ्य है.
‘बचाई जा सकेगी जान’
एम्स के डॉक्टर्स के मुताबिक ज्यादातर लंग कैंसर के मरीजों का डाइग्नोसिस एडवांस्ड स्टेज में ही होता है, जिसने नतीजे बेहद निराशाजनक होते हैं. अगर अस्पताल में चेन स्मोकर्स का लो डोज सीटी स्कैन किया जाएगा, जिससे इस बीमारी का सही वक्त पर पता चल पाएगा और कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी.
कब और कैसे करें अप्लाई?
जो लोग बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, वो एम्स अस्पताल के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन डिपार्टमेंट में सोमवार से शनिवार के बीच सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं. उम्मीद है कि इससे काफी लोगों को फायदा होगा.
स्मोकर्स को होगा फायदा
भारत में सिरगेट, बीड़ी, हुक्का और गांजा पीने वालों की संख्या काफी ज्यादा है, कुछ लोग तो तमाम कोशिशों के बाद भी अपनी इस बुरी लत को छोड़ नहीं पाते, जिसके कारण लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, उनके लिए समय-समय पर जांच कराना लाभकारी सिद्ध हो सकता है.
Uttarakhand anti-conversion bill stalls at Raj Bhavan over technical flaws
DEHRADUN: A major legislative initiative of the Uttarakhand government aimed at substantially toughening penalties for forced religious conversions…

