Health

Breakthrough IVF baby Luv Singh now become father himself his son born in the same hospital where he was born | भारत के पहले ICSI बेबी लव सिंह अब खुद बने पिता, 30 साल बाद उसी अस्पताल में हुआ बेटे का जन्म



लगभग 30 साल पहले, मुंबई के चेम्बूर में रहने वाले एक दंपत्ति को विज्ञान की एक नई उपलब्धि ने बेटे का सुख दिया था. लव सिंह भारत के पहले ICSI (इंट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन) बच्चे के रूप में जन्मे थे. उनकी कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि वह बेल्जियम में इसी तकनीक से जन्मे बच्चे के दो साल बाद और भारत की पहली टेस्ट-ट्यूब बेबी, हर्षा चावड़ा-शाह के आठ साल बाद जन्मे थे.
हाल ही में जीवन ने लव सिंह के लिए एक चक्कर लगाया. अब वह खुद एक बेटे के पिता बन चुके हैं. बीते 28 जनवरी को लव को बेटे का आशीर्वाद मिला. बेटे का जन्म उसी जसलोक अस्पताल में हुआ, जहां उनका अपना जन्म हुआ था. उन्होंने अपने बेटे की डिलीवरी कराने के लिए डॉ. फिरोजा पारिख को चुना, जिन्होंने उनके माता-पिता का इलाज किया था. हालांकि उनके बेटे का जन्म स्वाभाविक रूप से हुआ था, लेकिन लव और उनकी पत्नी हरलीन ने डॉ. पारिख को सम्मान देने के लिए उन्हें चुना.लव सिंह बताते हैं कि जीवन हमारे लिए एक पूर्ण चक्र बन गया है. डॉ. पारिख बताता है कि उनका बेटा स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण हुआ था, लेकिन वे मुझे अपना डॉक्टर बनाना चाहते थे क्योंकि वे मुझे परिवार का हिस्सा मानते हैं. लव और उनकी पत्नी ने तब तक बच्चा पैदा करने का इंतजार करते रहे, जब तक कि हरलीन ने अपना M.Com पूरा नहीं कर लिया. फिलहाल, उनका बेटा अब हेल्दी है और गुरुवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
डॉ. पारिख ने बताया कि 1989 में डॉ. पारिख येल यूनिवर्सिटी से लौटने के बाद उन्होंने एक एक्सपेरिमेंटल तकनीक ‘माइक्रोमैनिपुलेशन’ करने के लिए उपकरण प्राप्त किए. वैज्ञानिक तब एक अंडे के अंदर एक स्पर्म को फर्टिलाइज करने की सुविधा के लिए इंजेक्ट करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस तकनीक में कई स्पर्म का उपयोग किया जाता है, लेकिन ICSI ने डॉक्टरों के लिए एक स्पर्म के साथ फर्टिलाइज को प्राप्त करना संभव बना दिया.
कैसे काम करती है ICSI प्रक्रिया?डॉ. पारिख ने बताया कि उस समय माइक्रोपिपेट उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्होंने अंडे में डालने के लिए ग्लास पिपेट्स को बाल से भी पतला करके तैयार किया. इस प्रक्रिया को सीखने में उन्हें चार साल से अधिक का समय लगा. ICSI अब सबसे आम रूप से इस्तेमाल की जाने वाली माइक्रोमैनिपुलेशन तकनीकों में से एक है. 
अब ICSI का उपयोग कैसे होता है?इंडियन सोसायटी फॉर असिस्टेड रिप्रोडक्शन के अध्यक्ष डॉ. अमित पाटकी बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर, ब्रसेल्स लेबोरेटरी में ICSI तकनीक की एक्सीडेंटल खोज से पहले, कम स्पर्म काउंट वाले पुरुषों के पास केवल डोनर स्पर्म या गोद लेने का विकल्प था. आज ICSI का उपयोग न केवल पुरुष बांझपन के लिए बल्कि बुजुर्ग महिलाओं, कम अंडे वाली महिलाओं या जोड़ों में अस्पष्ट बांझपन के मामलों में भी किया जाता है.
लव सिंह दक्षिण-पूर्व एशिया के पहले ICSI बच्चेडॉ. पारिख ने बताया कि लव सिंह दक्षिण-पूर्व एशिया के पहले ICSI बच्चे थे, तब से बांझपन उपचार विकसित हो गया है और हमने कई बाधाओं को तोड़ा है. उन्होंने कहा, ” हमने थैलेसीमिया, कुछ कैंसर, डचेन की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और हंटिंगटन रोग जैसी घातक बीमारियों के म्यूटेशन ले जाने वाले भ्रूणों की पहचान करने के लिए प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोस का उपयोग किया है. अब, ट्रांसप्लाट के लिए सबसे अच्छा भ्रूण चुनने के लिए AI का उपयोग किया जा रहा है.”



Source link

You Missed

SC rejects plea against overloading of buses, says it falls within government's domain
Top StoriesNov 1, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने बसों में अत्यधिक भार लादने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी, कहा कि यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है

भारत में बसों में ओवरलोडिंग की समस्या को दूर करने के लिए एक याचिका दायर की गई है।…

Pak Defence Minister accuses India of ‘proxy war’, says New Delhi wants to keep Islamabad busy on borders
Top StoriesNov 1, 2025

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत पर ‘प्रॉक्सी युद्ध’ का आरोप लगाया, कहा कि नई दिल्ली इस्लामाबाद को सीमाओं पर व्यस्त रखना चाहती है

अफगानिस्तान के अवैध नागरिकों के मुद्दे पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई है: आसिफ अफगानिस्तान में…

Why Was 'Ridiculousness' Canceled? Why MTV Pulled the Plug on the Rob Dyrdek Show
HollywoodNov 1, 2025

क्यों रद्द हुआ शो ‘रिडिकुलस नेस’? इसके पीछे की वजह जानते हैं कि क्यों मीटीवी ने इसे बंद कर दिया – हॉलीवुड लाइफ

MTV पर बड़ा बदलाव: रिडिकुलस नेस को बंद करने के पीछे की कहानी पैरामाउंट ग्लोबल की डेविड एलिसन…

Scroll to Top