Uttar Pradesh

Those who gave Amethi recognition on the world stage, today their very existence is in danger. – News18 हिंदी



रिपोर्ट- आदित्य कृष्णअमेठी. सूफी परम्परा के प्रसिद्ध महाकाव्य पद्मावत लिखने वाले सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी को भला कौन नहीं जानता. उन्हें पढ़ने वाले लोग दुनियाभर में हैं. राजा रत्नसेन और रानी पद्मावती की प्रेम कहानी और उस पर बनी फिल्म को भी हमने देखा सुना. अपनी रचनाओं के जरिए अमर हो गए इस सूफी कवि की यादों और स्मारकों की उसके अपने शहर अमेठी में ही कद्र नहीं हो रही. उनके नाम पर अमेठी में बना शोध संस्थान अस्तबल बनता जा रहा है.

संत मलिक मोहम्मद जायसी शोध संस्थान आज बदहाली का शिकार है. इस शोध संस्थान को लोगों ने अस्तबल और गार्डन के रूप में इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

अमेठी के जायस के तंबाला इलाके में जन्मे मलिक मोहम्मद जायसी सूफी संत और महान कवि थे. उन्होंने अखरावट, पद्मावत, आखिरी कलाम, चित्रलेखा जैसे तमाम ग्रंथ और कविताएं लिखीं. जायसी अमेठी राज दरबार के कवि भी थे लेकिन आज उनके ही शोध संस्थान पर संकट है. संस्थान में जायसी से जुड़ा इतिहास ही नहीं है. पूरे संस्थान में गंदगी का अंबार है. दरवाजे और खिड़की टूट गए हैं. स्थानीय लोग उस पर अतिक्रमण कर कब्जा करते जा रहे हैं. कोई संस्थान के कैंपस में घोड़ा बांध रहा है तो कोई उसे अपने बगीचे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.

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दुर्दशा से दुखी इतिहासकारइतिहासकार गोविंद सिंह ने कहा मलिक मोहम्मद जायसी ने अमेठी और पूरे देश की पहचान को जीवंत बनाए रखा. लेकिन आज उनकी स्मृति में बनाए गए इस शोध संस्थान पर ही पहचान का संकट है. हमारी मांग है कि उनके शोध संस्थान और जन्मस्थली का जीर्णोद्धार किया जाए. एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप तौर पर उसे विकसित किया जाए. जिन लोगों ने वहां अनाधिकृत कब्जा किया है उन पर तुरंत कार्रवाई हो.

नगर पालिका को शिकायत का इंतजारनगर पालिका के अभियंता रवीन्द्र मोहन ने बताया कि अभी कोई ऐसी शिकायत नहीं मिली है लेकिन मामला संज्ञान में आया है. औचक निरीक्षण कर जांच की जाएगी. इसके साथ ही शासन से बजट की डिमांड की जाएगी जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी वह की जाएगी.
.Tags: Local18, Up news in hindi, Up news today hindiFIRST PUBLISHED : January 23, 2024, 14:50 IST



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