Uttar Pradesh

Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा के बाद बदलेगी रामलला की पूजा पद्धति, इस मंत्र से होगी दिन की शुरुआत



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : प्रभु राम के विराजमान होने के लिए बस अब कुछ ही दिन बचे हैं. अयोध्या में भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा पद्धति में बदलाव किया जाएगा . पूजा आराधना के लिए एक नई किताब की रचना हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार अब हनुमान चालीसा की तरह रामलला की स्तुति होगी. इस पुस्तक का नाम श्रीरामापासना रखा गया है. इस खास पुस्तक में भगवान राम के दैनिक पूजन की विधि लिखी गई है. नई पद्धति से तैयार इस नूतन पोथी में खास बात यह है कि राम मंदिर में प्रभु श्रीराम बालरूप में विराजमान होंगे, इसलिए सीता-राम की साथ वाली स्तुति अब नहीं होगी. राम उनके चार भाई, तीन माता, सरयू मैया और अयोध्या नाथ की स्तुति होगी.

हर सुबह रामलला को जगाने के लिए “कौसल्या सुप्रजा राम पूर्वासन्ध्या प्रवर्तते। उत्तिष्ठ नरशार्दूल कर्तव्यं दैवमाहिरकिम… उत्तिष्ठ भद्रम ते त्यज निद्रा जगतपते” मंत्र सुनाया जाएगा. उसके बाद मंत्रो से रामलला का आचमन किया जाएगा. इतना ही नहीं प्रभु राम को स्नान कराने के लिए भी मंत्र पढ़े जाएंगे. इसके साथ ही पहले जो स्तुति प्रभु राम की होती थी उस स्थिति में भी बड़ा बदलाव किया गया है.

रामलला सहित इन लोगों की होगी स्तुतिपहले केवल रामलला की स्तुति की जाती थी. अब रामलला सहित उनके चारों भाइयों की भी स्तुति की जाएगी. इसके अलावा हनुमान जी महाराज, राम जन्म भूमि, कृष्ण जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ, अयोध्या धाम, सरयू महारानी, स्वामी रामानंदाचार्य, गोस्वामी तुलसीदास सहित सत्य सनातन धर्म, गौ माता व भारत माता की भी जय घोष किया जाएगा. संध्या आरती के लिए भी शलोक की रचना की गई है. रामलला को शाम को सुलाने के लिए भी मंत्रो का प्रयोग किया जाएगा.

क्या है रामलला की पूजा पद्धति में बदलाव का कारण ?राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद उनकी पूजा पद्धति में थोड़ा बहुत बदलाव किया जाएगा. जिसको लेकर एक नूतन पोथी भी तैयार की गई है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसी पोथी के अनुसार रामलला की सेवा आराधना की जाएगी. मंदिर में प्रभु राम 5 साल के बालक स्वरूप विराजमान है. पहले प्रभु राम की सेवा में जो स्तुति की जाती थी वह स्तुति माता सीता के साथ थी लेकिन अब प्रभु राम के विराजमान होने के बाद प्रभु राम समेत चारों भाई की ही स्तुति की जाएगी. प्रभु राम के जन्म स्थान होने के कारण अब केवल चारों भाइयों की ही उपासना की जाएगी. नूतन पोथी में प्रभु राम की सेवा आराधना करने के सभी मंत्र लिखे गए हैं. अब इसी पोथी के अनुसार रामलला की सेवा आराधना की जाएगी. रामानंदीय परंपरा के मुताबिक प्रभु राम की सेवा आराधना की जाएगी.

जयघोषश्री रामलला सरकार की जयश्री आनन्दकन्द भगवान् की जयश्री कौशल्यानन्दन भगवान् की जयश्री दशरथनन्दन भगवान् की जयश्री कैकयीनन्दन भगवान् की जयश्री सुमित्रानन्दन भगवान् की जयश्री चारों भइयन की जयश्री हनुमान् जी महाराज की जयश्री रामजन्मभूमि की जयश्री कृष्णजन्म भूमि की जयश्री काशीविश्वनाथ की जयश्री अयोध्या धाम की जयश्री सरयू महारानी की जयजगद्‌गुरु स्वामी श्रीरामानन्दाचार्य जी महाराज की जयगोस्वामी श्री तुलसीदास जी महाराज की जयसमस्त पूर्वाचार्यों की जय सर्वसन्तवैष्णव भगवान् की जय
.Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Dharma Aastha, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : January 13, 2024, 15:27 IST



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