राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद उनकी पूजा पद्धति में थोड़ा बहुत बदलाव किया जाएगा. जिसको लेकर एक नूतन पोथी भी तैयार की गई है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसी पोथी के अनुसार रामलला की सेवा आराधना की जाएगी. (रिपोर्ट : सर्वेश श्रीवास्तव )
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पिछले 15 दिनों में सौराष्ट्र में अनseasonal बारिश से फसलें नष्ट होने के कारण चार किसान आत्महत्या कर लेते हैं।
भानवाड़ तालुका के द्वारिका जिले में 37 वर्षीय कारसनभाई वावनोटिया की भी ऐसी ही दुःखद परिस्थितियों का सामना…

