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Shreyas Iyer worry problamatic against short ball bouncer continued in international cricket | श्रेयस अय्यर की तकनीक में बड़ी खामी आई सामने, ऐसे तो लंबा नहीं चल पाएगा करियर!



Problem in Shreyas Iyer Technique : भारत के धुरंधर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) की तकनीक में बड़ी खामी देखने को मिली है. इस बल्लेबाज को शॉर्ट गेंदों का सामना करना मुश्किल हो रहा है. इंटरनेशनल डेब्यू के बाद से सभी फॉर्मेट में उनके लिए ये सबसे बड़ी परेशानी रही है.
ट्रेनिंग सेशन में लगी चोटकेपटाउन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के अंतिम टेस्ट की शुरुआत से पहले ट्रेनिंग सेशन के दौरान श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) सीधे न्यूलैंड्स स्टेडियम के बाहर थ्रोडाउन का सामना करने गए थे. दो थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट बाएं हाथ के नुवान सेनाविरत्ने और राघवेंद्र बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ के साथ अय्यर को 18 गज की दूरी से प्रैक्टिस करा रहे थे. इसके पीछे सोच कि मुंबई के इस बल्लेबाज को शॉर्ट गेंदों का सामना करने के लिए तैयार करना था जो इंटरनेशनल डेब्यू के बाद से सभी फॉर्मेट में उनके लिए परेशानी का सबब रही है. श्रेयस अय्यर ने कुछ मिनट ही प्रैक्टिस की, एक थ्रोडाउन पर गेंद उछलती हुई उनके शरीर की तरफ आई. दूरी कम होने के कारण गेंद की गति 150 किमी प्रति घंटा से ज्यादा थी. श्रेयस अय्यर का बल्ला समय पर नीचे नहीं आ पाया और गेंद उनके पेट में जाकर लगी.
तकनीकी और मानसिक दोनों ही परेशानी
श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने अपना बल्ला फेंक दिया और वह काफी दर्द में नजर आए. वह कुछ देर तक सांस लेने की कोशिश में झुके रहे. तभी फिजियो और अन्य सपोर्ट स्टाफ उनकी जांच में जुट गए. अय्यर की परेशानी मानसिक और तकनीकी दोनों तरह की है. वह बिलकुल भी सहज नजर नहीं आए. मिडिल ऑर्डर में हालांकि कोई अच्छा ऑप्शनल बल्लेबाज नहीं होने के कारण कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के कप्तान के लिए कोई चुनौती नहीं है. अय्यर ने SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में अब तक 6 पारियां खेली हैं जिनमें वह 15 और 19 (बर्मिंघम), 31 और 6 (सेंचुरियन) तथा शून्य और नाबाद 4 रन (केपटाउन) ही बना पाए हैं.
टेस्ट औसत भी गिरा
श्रेयस का टेस्ट औसत भी लगभग 50 से गिरकर 40 से नीचे आ गया है. इसमें कोई संदेह नहीं कि अय्यर स्पिनरों के खिलाफ प्रभावी रहते हैं और कम उछाल वाली पिचों पर उन्हें जेम्स एंडरसन या क्रिस वोक्स जैसे गेंदबाजों का सामना करने में दिक्कत नहीं होगी. हालांकि दिसंबर 2024-2025 में भारत जब ऑस्ट्रेलिया में खेलेगा, तब तक अगर अय्यर अपनी तकनीक में बदलाव नहीं करते हैं तो उन्हें एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ेगा. 30 की उम्र में हालांकि अय्यर के लिए अपनी शारीरिक तकनीक में बदलाव आसान नहीं होगा.
मोहिंदर अमरनाथ ने भी किया था बदलाव
साल 1982-83 में मोहिंदर अमरनाथ (Mohinder Amarnath) ने शानदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उनका स्टांस थोड़ा ‘चेस्ट ऑन’ (छाती सामने की ओर) था. इस दौरान अगर कोई बाउंसर उनके दाएं कंधे की ओर आती थी तो वह इसे अपने शरीर पर झेलते थे जबकि बाएं कंधे की ओर आने वाली गेंद को हुक करते. हालांकि ऐसा करना आसान नहीं होगा और अय्यर को इससे निपटने का तरीका खोजना होगा.
रोहित ने भी दी सलाह
श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल भारत की भावी पीढ़ी के खिलाड़ी हैं. कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने उनके बारे में कहा, ‘मेरा काम उन्हें आत्मविश्वास देना है. रोहित, कोहली और केएल राहुल सभी ने दौरे करके सीखा है. वे सीख जाएंगे कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. आपको अनुभवों से सीखना होगा. जब आप इन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.’ (PTI से इनपुट)



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