Uttar Pradesh

यूपी के इस जिले में अंग्रेजों ने जाति के आधार पर खोले थे बैंक, ऐसे होता था इनमें लेनदेन



वसीम अहमद /अलीगढ़. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक शासनादेश के जरिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए नया गजेटियर तैयार करने का आदेश दिया है. जिसमें अलीगढ़ का नाम भी शामिल है. अलीगढ़ का अंतिम गजेटियर 1909 में तैयार किया गया था. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों ने अलीगढ़ जिले में बैंक भी जातीय आधार पर खोले थे. साथ ही प्रत्येक बैंकों के लिए यह नियम था कि जिस जाति के लिए बैंक खोला गया था उसमें उसी जाति के लोग लेनदेन कर सकते थे.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सबसे पहले बैंक की शुरुआत अतरौली तहसील के अरणी गाँव में 1902 में हुई थी. बैंक के सही प्रकार से संचालन होने के बाद जिले में 1905 में खैर में दो बैंक खोले गए. जिसमें से एक बैंक जाटों के लिए था तो दूसरा चमार जाति के लोगों के लिए था. बैंकों की काफी अच्छी सफलता मिलने के बाद 1906 में अतरौली इलाके में ही दो और बैंक खोले गए जिसमें से एक मुसलमान के लिए था तो दूसरा चमार जाति के लिए. जाति आधारित बैंकों के खोलने के प्रयोग को अंग्रेजों ने अपनी रिपोर्ट में सफल बताया.

1906 में रसलगंज में खोली गई थी बैंक

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर एम. के.पंडित ने बताया कि अंग्रेजों के आने के बाद जब भारत की इकोनॉमी को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में कर लिया तो उन्हें बैंकों की जरूरत पड़ी. क्योंकि अंग्रेजों का जितना भी लेनदेन था उसके लिए उन्हें बैंकों की आवश्यकता थी. तो अलीगढ़ में जो सबसे पहली बैंक खोली गई वह जाति के बेसिस पर खोली गई. उस समय के जो हमें रेफरेंस मिलते हैं उसके हिसाब से 1902 में सबसे पहले अतरौली के अरणी इलाके में एक जातीय बैंक खोली गई. उस बैंक के किस प्रकार के ट्रांजैक्शन थे इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसके बाद अलीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग जातीय बैंक खोली गई और इन बैंकों का ट्रांजैक्शन जाती है के आधार पर किया जाता था.

जाति आधारित बैंकों का प्रदर्शन खराब रहा

अंग्रेजों द्वारा इन बैंकों को खोलने का मकसद बिलस ऑफ़ एक्सचेंज को चलना था. क्योंकि बाहर के मर्चेंट जब भारत आया करते थे तो वह अपने साथ पैसा नहीं लाते थे. तो हुंडियों के बेसिस पर ही यहां ट्रांजैक्शन और बिजनेस होता था. इसके अलावा अंग्रेजों का यह भी अटेम्प्ट था कि साहूकारों से आम आदमी को छुड़ाएं. तो इस प्रकार से बैंकों की शुरुआत हुई जातियों के आधार पर इसके बाद धीरे-धीरे बिना जातियों के भी बैंकों की शुरुआत हुई. तो अलीगढ़ के इतिहास के हिसाब से देखा जाए तो अलीगढ़ काफी रिच है बैंकिंग के लेवल से. शरुआत तो एक या दो बैंक से हुई लेकिन आजादी के बाद फिर इनका करैक्टर चेंज होता गया. जिसके बाद जनरल बैंक का आना शुरू हुआ.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 1, 2023, 19:15 IST



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Scroll to Top