फतेहपुर. यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में अवैध धर्मांतरण (Illegal Religious Conversion) का एक और बड़ा मामला सामने आया है. गाजीपुर बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद खां ने एसपी राजेश कुमार सिंह को दिए शिकायती पत्र में यह आरोप लगाया है कि विदेशी मौलाना हाफिज फिरोज आलम अपनी पहचान छिपाकर पिछले 15 सालों से उनके गांव में रहकर अवैध धर्मांतरण की पाठशाला चला रहा है. विदेशी मौलाना कभी अपने आप को बंगलादेश का रहने वाला तो कभी नेपाल का ताकतवर नागरिक बताता है. वह मजहबी तालीम देने के नाम पर नाबालिग मुस्लिम बच्चो का ब्रेनवॉश कर उन्हें हिन्दू धर्म की लड़कियों को अपने प्यार में फंसाने की पाठशाला चलाता है. इतना ही नहीं वह अब तक प्रलोभन देकर कई हिन्दू परिवार की लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करवाकर मुस्लिम युवकों से निकाह भी करवा चुका है.
हैरानी की बात तो यह है कि विदेशी मौलाना पिछले 15 सालों से अपनी पहचान छिपाकर गाजीपुर में अवैध धर्मांतरण की नापाक पाठशाला चला रहा है और पुलिस-प्रशासन को इसकी कानो-कान भनक तक नहीं लगी. इस मामले में लोकल पुलिस के अलावा जिले की आईबी व एलआईयू भी मौलाना के मजहबी पाठशाला का पता लगाने में नाकाम साबित रही. अवैध धर्मांतरण का यह मामला फतेहपुर शहर से सटे गाजीपुर कस्बा का है. बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्यों का यह भी आरोप है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत थाना प्रभारी, सीओ सिटी और एसपी से भी की है, लेकिन पुलिस ने विदेशी मौलाना के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की है.
मौलाना गिरफ्तारवहीं मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने शिकायतकर्ता अब्दुल मजीद खां के तहरीर पर एफआईआर न दर्ज करने के बजाए खुद थाना प्रभारी नीरज कुमार यादव ने वादी बनकर मनमानी ढंग से आरोपी मौलाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर जांच पड़ताल में शुरू कर दी. सूत्रों की माने तो पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए इस केस में अवैध धर्मांतरण का जिक्र भी नहीं किया गया है.
एएसपी ने कही ये बातएएसपी राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस की संयुक्त टीम ने अपनी शुरुआती जांच में यह पाया कि आरोपी मौलाना नेपाल का रहने वाला है. वह 15 साल पहले फतेहपुर आया था और यहीं पर रहकर वह एक मदरसे से इस्लामिक तालीम हासिल की थी. इसके बाद वह गाजीपुर कस्बा के बड़ी मस्जिद का पेश इमाम बन गया था. पुलिस के मुताबिक आरोपी मौलाना ने इस मामले में गैर कानूनी तरीके से पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैनकार्ड, वीजा सहित तमाम सरकारी दस्तावेजों को हासिल कर भारत की नागरिकता हासिल की थी. इसके खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
उमर कनेक्शन से इनकार भी नहीं किया जा सकता आपको बता दें कि अवैध धर्मांतरण के आरोप में जेल में बंद उमर गौतम मूलरूप से फ़तेहपुर जिले पंथुआ गांव का ही रहने वाला है. ऐसे में पहचान छिपाकर पिछले 15 सालों से अवैध धर्मांतरण की पाठशाला चलाने वाला विदेशी मौलाना हाफ़िज़ फिरोज आलम का नाम सामने आने के बाद उमर कनेक्शन से इनकार भी नहीं किया जा सकता है.
धर्मांतरण का यह पहला मामला नहींबता दें कि फतेहपुर जिले में अवैध धर्मांतरण का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी शहर के नुरूलहुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल से धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला सामने आया था. स्कूल में पढ़ाने वाली पूर्व टीचर कल्पना सिंह ने आरोप लगाया था कि नुरूलहुदा स्कूल में हिन्दू बच्चों को कलमा पढ़ाया जाता है, और साथ ही उन्हें भी प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया था. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो स्कूल प्रबंधक ने उन्हें स्कूल से निकाल दिया था. टीचर ने यह भी बताया था कि जेल में बंद धर्मांतरण के आरोपी मौलाना उमर गौतम भी नुरूलहुदा स्कूल आया करता था और तकरीर के जरिये लोगों का ब्रेनवॉश कर उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए प्रेरित किया करता था. इस मामले में पूर्व टीचर की शिकायत पर सदर कोतवाली पुलिस ने आरोपी उमर गौतम, स्कूल प्रबंधक सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली थी, लेकिन दो महीना बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
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