Uttar Pradesh

क्या होता है हलाल सर्टिफिकेशन, जिसने यूपी में मजा दिया बवाल, योगी सरकार ने क्यों लगा दिया बैन? जानें सबकुछ



ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: योगी सरकार ने प्रदेश में हलाल प्रमाणित खाद्य दवाओं और चिकित्सा और प्रसाधन सामग्रियों का निर्माण, भंडारण या खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार ने इसे निषेधित कर दिया है. अब इन उत्पादों पर हलाल प्रमाणन कराने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यूपी सरकार ने कहा कि तेल, साबुन, टूथपेस्ट और शहद जैसे शाकाहारी प्रोडक्ट्स के लिए हलाल प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है. एफएसडीए की अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने इस संबंध में शनिवार को शासनादेश जारी कर दिया है.

सरकारी नियमों में औषधियों, चिकित्सा युक्तियों और प्रसाधन सामग्रियों के हलाल प्रमाणीकरण का अंकन उत्पादों के लेबल पर किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. और न ही औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 व तत्संबंधी नियमों में हलाल प्रमाणीकरण किये जाने का कोई प्रावधान है. बल्कि औषधियों व चिकित्सा सामग्री की लेबलिंग निर्धारित प्रावधानों के अनुसार न करने या लेवल पर गलत व भ्रामक तथ्य छापने की दशा में वो सामग्री मिथ्याछाप हो जाती है.

ऐसा होने पर नियमावली में इसे दंडनीय माना गया है. शासनादेश में कहा गया है कि अब प्रदेश में हलाल प्रमाणीकरण वाली दवाओं, चिकित्सा व प्रसाधन सामग्रियों का निर्माण, भंडारण, वितरण या क्रय-विक्रय पाया गया तो संबंधित व्यक्ति या फर्म के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

आखिर क्या है हलाल सर्टिफिकेटइतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने बताया किहलाल सिर्फ मांस तक सीमित नहीं है. ‘हलाल’ एक अरबी शब्द है. इसका अर्थ होता है, कानून सम्मत या जिसकी इजाजत शरिया (इस्लामिक कानून) में दी गई हो. ये शब्द खाने-पीने की चीजों, मीट, कॉस्मेटिक्स, दवाइयां आदि सब पर लागू होता है और हराम उसका ठीक उलट होता है. यानी वो चीज जो इस्लाम में वर्जित है. लिपस्टिक से लेकर दवाइयां तक सभी को दोनों में बांटा जा सकता है.

भारत में कौन देता है सर्टिफिकेट?हलाल सर्टिफिकेट का मतलब है कि इससे उपभोक्ताओं को पता लगता है कि संबंधित प्रोडक्ट हलाल माने जाने के जरूरी मानकों को पूरा करता है अथवा नहीं. अगर किसी प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट का जिक्र है तो जरूरी नहीं है कि उस प्रोडक्ट में मीट है या मांस का कोई लेना-देना है. भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने के लिए कोई आधिकारिक अथवा सरकारी संस्था नहीं है. कई निजी कंपनियां और एजेंसियां व्यक्तिगत तौर पर हलाल सर्टिफिकेट मुहैया कराती हैं.

हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों का पंजीकरणहलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है. 27 अक्तूबर को हलाल प्रमाणन निकायों की मान्यता और निर्यात इकाइयों के पंजीकरण की समयसीमा को बढ़ाकर 5 अप्रैल 2024 किया गया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इसी साल 6 अप्रैल को आदेश जारी किया था कि मौजूदा हलाल सर्टिफिकेशन कंपनियों को छह महीने के भीतर आई-सीएएस (भारतीय अनुरूपता मूल्यांकन योजना) हलाल के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) से मान्यता लेना अनिवार्य है. डीजीएफटी के निर्देशों के अनुसार मीट को हलाल सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही उसके उत्पादकों को निर्यात करने की अनुमति दी जाती है.
.Tags: CM Yogi, Local18, Lucknow news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 14:27 IST



Source link

You Missed

LOCAL 18

Scroll to Top