सिमरन जीत सिंह/शाहजहांपुर: जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती है, मान लो तो हार ठान लो तो जीत. कुछ ऐसा ही जुनून और जज्बा शाहजहांपुर की कबड्डी खिलाड़ी के अंदर देखने को मिल रहा है. इस कबड्डी खिलाड़ी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी नहीं हरा सकी. खुद नेशनल स्तर पर खेलने वाली ये खिलाड़ी अब गांव देहात में छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को ढूंढ कर मैदान तक पहुंचाने का काम कर रही है.जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहजहांपुर के मोहल्ला ताहवरगंज की रहने वाली प्रिया श्रीवास्तव की. प्रिया श्रीवास्तव को कबड्डी खेलने का शौक बचपन से ही रहा है. प्रिया ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद खेलना जारी रखा. प्रिया के पिता भी कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं. प्रिया ने वर्ष 2017 में असम में आयोजित हुई ओपन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और प्रदेश के लिए सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद 2018 में इंटर यूनिवर्सिटी नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और बेहतर प्रदर्शन किया.कैंसर से भी नहीं हारी प्रिया2 साल बाद प्रिया को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया. प्रिया का कैंसर का ऑपरेशन हुआ उसके बाद वह खुद खिलाड़ी के तौर पर मैदान में तो नहीं लौट सकीं लेकिन फिर प्रिया ने अपने अंदर खेल के प्रति जुनून को जिंदा रखा और उन्होंने गांव देहात में छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को निखारने का बीड़ा उठा लिया. प्रिया अब गांव जाकर गांव में छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को पहचानती हैं और उनको मैदान में लाकर प्रशिक्षण देकर तैयार करती हैं. इसके अलावा प्रिया बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करवाने के लिए अपने खर्चे पर लेकर जाती हैं. प्रिया अब तक 100 से ज्यादा खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करवा चुकी है.खेल को जिंदा रखना ही मकसदप्रिया श्रीवास्तव ने बताया कि गांव देहात में बच्चे खेलने तो चाहते हैं लेकिन जानकारी का अभाव और प्रशिक्षण ना मिलने के चलते उनके अंदर छुपी हुई खेल प्रतिभाएं वही दबकर दफन हो जाती हैं. ऐसे में वह गांव-गांव जाकर गांव में छुपी खेल प्रतिभाओं को आगे ला रही हैं..FIRST PUBLISHED : November 18, 2023, 19:51 IST
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KOLKATA: The money that was allegedly siphoned by fraudsters from Trinamool Congress MP Kalyan Banerjee’s dormant account with…

