DNA Analysis: क्रिकेट विश्व कप चल रहा है. इस विश्वकप में पाकिस्तान का प्रदर्शन किसी छोटी टीम की तरह रहा है. पाकिस्तानी टीम ने विश्व कप में 9 मैच खेले हैं. जिसमें से उन्होंने 4 मैच ही जीते. इसमें भी उन्हें बांग्लादेश, श्रीलंका, नीदरलैंड के खिलाफ जीत मिली. न्यूजीलैंड के खिलाफ इंद्र देव की कृपा से जीत मिल गई. देखा जाए तो पाकिस्तान वनडे की नंबर वन टीम बनकर आई थी. लेकिन जब अच्छी टीमों के खिलाफ खेलना पड़ा, तो इन्हें पता चल गया कि आज का क्रिकेट किस स्तर पर पहुंच चुका है. आप सोचिए कि अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को बुरी तरह हराया. जबकि अफगानिस्तान के मुकाबले पाकिस्तान एक अच्छी टीम मानी जाती है.
बयान देकर फंसे रज्जाकखराब प्रदर्शन के बाद से ही पाकिस्तानी टीम का उनके देश में विश्लेषण हो रहा है. पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर, अपने-अपने तरीके से बाबर आजम और दूसरे खिलाड़ियों की कमियां बता रहे हैं. जिन पाकिस्तानी क्रिकेटर्स को उनके देश में स्टार माना जाता है, आदर्श की तरह देखा जाता है. उन खिलाड़ियों की मानसिकता निचले स्तर की दिखाई देती है. आप पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर अब्दुल रज्जाक को पहचानते होंगे. पाकिस्तानी टीम में अब्दुल रज्जाक एक ऐसे खिलाड़ी थे, जो तेज गेंदबाजी के साथ अच्छी बैटिंग के लिए भी पहचाने जाते थे. लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ी चाहे टीम में खेल रहे हों, या फिर क्रिकेट से सन्यास ले चुके हों, वो इस्लाम का प्रचार जरूर करते हैं.
कट्टर इस्लाम की झलक
पाकिस्तान टीम में खेलने वाले विकेटकीपर बैटर मोहम्मद रिजवान जब अच्छी बैटिंग के बाद ग्राउंड पर नमाज पढ़ते हैं, तो पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इस बात पर खुश होते देखे गए हैं. उन्हें इस बात खुशी रहती है कि भारत में हिंदुओं के बीच किसी पाकिस्तानी मुस्लिम ने नमाज पढ़ी. इसे वो एक उपलब्धि की तरह देखते हैं. अब्दुल रज्जाक ने क्रिकेट पर एक शो के दौरान मंच से कुछ ऐसा कहा है जो कट्टर इस्लाम की झलक दिखाता है. अब्दुल रज्जाक की उस बात ने पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स को उनकी कट्टरता वाला असली चेहरा दिखाया है. अब्दुल रज्जाक पाकिस्तानी टीम की नीयत को लेकर बोल रहे थे. बोलते-बोलते उन्होंने भारतीय एक्ट्रेस एश्वर्य राय का जिक्र करते हुए, उनपर अभद्र टिप्पणी की.
क्या बोला रज्जाक ने?
उन्होंने कहा कि अगर आप एश्वर्य राय से शादी करोगे और सोचोगे कि बहुत नेक और अच्छे चरित्र वाले बच्चे पैदा होंगे, तो ऐसा नहीं होगा. एक बड़े मंच से पूर्व क्रिकेटर्स के बीच अब्दुल रज्जाक की ये सोच बताती है, वो असलियत में किस तरह के व्यक्ति हैं. ऐसा नहीं है कि उनकी जुबान फिसल गई हो. जुबान फिसलने पर कोई बुरा शब्द निकल सकता है, लेकिन यहां जुबान फिसली नहीं बल्कि उनकी जुबान ने वो कहा है, जो उनके मन में चल रहा था. बात सिर्फ ऐश्वर्या राय की नहीं हैं. उनकी जगह वो किसी और अभिनेत्री का नाम लेते तो भी ये गलत होता. वैसे वो पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री की किसी एक्ट्रेस का नाम भी ले सकते थे. लेकिन उन्होंने भारतीय अभिनेत्री का नाम लिया. वो ऐश्वर्य राय का नाम लेकर, भारतीयों को अपमानित करना चाहते थे. उनके इस बयान का मतलब यही निकाला जा रहा है कि हिंदू महिला से शादी करके नेक और अच्छे चरित्र के बच्चे पैदा होने के बारे में नहीं सोचा जा सकता.
रज्जाक पर माफी मांगने का दबाव
ये अब्दुल रज्जाक की कट्टर इस्लामी सोच के अलावा और कुछ नहीं है. इस बयान के बाद, भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी बवाल मचा हुआ है. ऐश्वर्य को लेकर दिए गए बयान पर अब्दुल रज्जाक पर माफी मांगने का दबाव पड़ गया. अपने बयान के लिए वो काफी शर्मिंदा भी हैं. अपनी शर्मिंदगी उन्होंने कैसे जाहिर की, हम आपको वो भी दिखाते हैं. कट्टरता भरे मन से निकले विचारों पर प्रतिक्रियाएं आती हैं, तो लोग इसी तरह से माफी मांगते हैं. अब्दुल रज्जाक ने भी माफी मांगने के दौरान, जुबान फिसलने की बात कही. उन्होंने ये कह दिया कि वो कोई और उदाहरण देना चाहते थे, लेकिन ऐश्वर्या राय का नाम जुबान पर आ गया. अब आप सोचिए, ऐश्वर्या की जगह अगर वो किसी हॉलिवुड एक्ट्रेस का नाम लेते, तो क्या उनकी बात सही हो जाती. ये बात तब भी सही नहीं होती.
उन्हें माफ किया जा सकता है?
अब्दुल रज्जाक के शब्दों में उनके कट्टर इस्लामिक विचार थे. नाम किसी भी महिला का होता, वो बात गलत ही कही जाती. अब्दुल रज्जाक को शायद ऐश्वर्य राय माफ कर भी दें. लेकिन गैर मुस्लिम महिलाओं को लेकर जो विचार अब्दुल रज्जाक ने जाहिर किए हैं, क्या उसके लिए उन्हें माफ किया जा सकता है? कई लोगों का ये मानना है कि ऐश्वर्या राय को लेकर अब्दुल रज्जाक ने जो कहा, उसके लिए अब्दुल रज्जाक को ही जिम्मेदार मानना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है. जिस मंच से अब्दुल रज्जाक ने ये कहा था. आपने गौर किया हो, तो उस मंच पर कई और पूर्व Cricketer भी मौजूद थे.
और फिर हंसने लगे..
मंच पर जब अब्दुल रज्जाक ऐश्वर्या पर ऐसे भद्दा कमेंट कर रहे थे. उस वक्त वहां तीन और पूर्व Cricketers मौजूद थे. मुमकिन है संख्या ज्यादा हो, लेकिन तस्वीरों में तीन ही नजर आ रहे हैं. इसमें एक शाहिद अफरीदी है, जिन्हें पाकिस्तानी में एक महान क्रिकेटर माना जाता है. उसके अलावा पूर्व तेज गेंदबाज उमर गुल और स्पिनर सईद अजमल भी वहां मौजूद थे. यानी ऐसा लग रहा है कि अब्दुल रज्जाक की भद्दी टिप्पणी पर इन खिलाड़ियों ने अपनी सहमति जताई है. किसी ने भी उस वक्त अब्दुल रज्जाक का विरोध नहीं किया, ना ही किसी ने उन्हें चुप रहने का इशारा किया. सभी ने ये टिप्पणी सुनी और फिर हंसने लगे. आपको एक बार फिर हम वो वीडियो दिखाना चाहते हैं, आप बस इन लोगों की हंसी पर गौर कीजिएगा.
शाहिद अफरीदी हंस रहे थे
अब्दुल रज्जाक ने भले ही अपने बयान पर दबाव में माफी मांगी हो, लेकिन उन खिलाड़ियों का क्या, जो ऐश्वर्या पर की गई टिप्पणी सुनकर हंस रहे थे. इस घटना के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने अब्दुल रज्जाक पर सवाल उठाए. यही नहीं मंच पर मौजूद अन्य खिलाड़ियों से बात की. एक टीवी में शाहिद अफरीदी ने इस घटना का कुछ इस तरह से जिक्र किया कि उन्हें कुछ मालूम ही ना हो. अब्दुल रज्जाक की बात पर जिस तरह से शाहिद अफरीदी हंसे, ये देखकर नहीं लगता है कि उन्हें रज्जाक की बात समझ नहीं आई. कम से कम टीवी शो में शाहिद अफरीदी खुद को मासूम बताने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि वो रज्जाक के समर्थन में खड़े नजर आए हैं. वो ये भी कह रहे हैं कि रज्जाक के मुंह से गलती से ये निकल गया होगा.
पाकिस्तानी खिलाड़ियों में कट्टरता की झलक तब कम दिखती है, जब वो टीम में होते हैं. लेकिन सन्यास लेने के बाद कुछ क्रिकेटर Full Time इस्लाम के प्रचारक बन जाते हैं. उदाहरण के तौर पर इंजमाम उल हक, सईद अनवर, सकलैन मुश्ताक और मोहम्मद युसुफ ऐसे पाकिस्तानी खिलाड़ी रहे हैं, जिनपर दूसरे खिलाड़ियों के सामने इस्लाम का प्रचार करने का आरोप है. इंजमाम उल हक का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो बता रहे हैं कि मौलाना तारिक जमील के यहां पर हरभजन सिंह ने तारिक जमील से प्रभावित होकर, मुसलमान बन जाने की बात कही थी. इसपर हरभजन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. हरभजन सिंह ने इंजमाम का ये वीडियो शेयर करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है- ये कौन सा नशा पीकर बात कर रहे हैं. वो लिखते हैं कि मुझे भारतीय सिख होने पर गर्व है. ये बकवास लोग कुछ भी बोलते हैं.
हरभजन सिंह नाराज
हरभजन सिंह काफी नाराज नजर आए. अपने ट्वीट के जरिए वो ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इंजमाम का बयान कोरा झूठ है. हालांकि इंजमाम उल हक हों या फिर सईद अनवर. इन पूर्व क्रिकेटर्स पर अन्य देशों के खिलाड़ियों का ब्रेन वॉश की कोशिश का आरोप लगता रहा है. पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शहरयार खान ने अपनी किताब The Cricket Cauldron में दावा किया है कि इंजमाम-उल-हक ने साथी क्रिकेटर्स को कट्टरपंथी बनने के लिए उकसाया था. किताब में लिखा है कि 1998 के बाद तबलीगी जमात के लोग, पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के आसपास रहने लगे थे. तब्लीगी जमात में शामिल होने वाला पहला पाकिस्तानी खिलाड़ी था सईद अनवर. इसके बाद 2003 में मुश्ताक अहमद और सकलैन मुश्ताक भी तब्लीगी जमात में शामिल हो गए थे. वर्ष 2003 में इंजमाम उल हक भी तब्लीगी जमात में शामिल हो गए थे. वर्ष 2005 में युसुफ योहाना भी मोहम्मद युसुफ बन गए थे. माना जाता है कि युसुफ ने इंजमाम और सईद अनवर के दबाव में इस्लाम अपना लिया था.
इंजमाम बने कप्तान..
जल्दी ही इंजमाम उल हक पाकिस्तानी टीम के कप्तान भी बन गए थे. शहरयार खान के मुताबिक उस दौरान पाकिस्तान की आधी से ज्यादा टीम तब्लीगी जमात में शामिल हो चुकी थी. शहरयार के मुताबिक इंजमाम ने उन्हीं खिलाड़ियों को टीम में खिलाया, जो तब्लीगी जमात में शामिल थे या शामिल होना चाहते थे. इसी वजह से मिसबाह उल हक और सईद अजमल जैसे खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिल पाती थी. यही वो दौर था जब इंजमाम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर विदेश दौरों पर सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ने का दबाव बनाया. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कुरान से कोई आयत पढ़ने के बाद बात शुरू करने का दबाव बनाया. तबलीगी जमात दुनिया के 150 देशों में मौजूद एक मजहबी संगठन है, जो गैर मुस्लिमों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करती है. हरभजन के मामले में जिस तारिक जमील का जिक्र किया गया है, वो भी ताबलीगी जमात का सदस्य है.
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