Wankhede Stadium Sea Breeze: भारत और न्यूजीलैंड के बीच कुछ वर्ल्ड कप 2023 का पहला सेमीफाइनल मैच है. यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले जाने वाला है. इस मैच में टॉस बेहद ही अहम भूमिका निभाने वाला है. इसका सबसे बड़ा कारण है वो आधा घंटा, जो बल्लेबाजों के लिए काल बनता है. इस आधे घंटे में बड़े से बड़े धुरंधर बल्लेबाज भी पवेलियन लौट चुके हैं. बल्लेबाजी की मुरीद वानखेड़े की पिच पर ये आधा घंटा मैच का रुख पलटकर रख देता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
ये है सबसे बड़ा कारणवानखेड़े की पिच हाई-स्कोरिंग मैचों के लिए जानी जाती है, लेकिन दूसरी पारी की शुरुआत के दौरान का समय बल्लेबाजों के लिए अच्छी-खासी दिक्कतें लेकर आता है. इसका बड़ा करना है समुद्री हवा(Sea Breeze). शाम के समय करीब 6:30 से 7:30 तक के बीच बल्लेबाजी करना बेहद ही मुश्किल हो जाता है. स्टेडियम के पिच क्यूरेटर भी समुद्री हवा को इसका सबसे बड़ा फैक्टर मानते हैं. उस समय पिच पर हल्की नमी आ जाती है और तेज रफ्तार से नई गेंद स्विंग करती हुई विकेटकीपर के दस्तानों में जाती है. दूसरी पारी के शुरुआती 10 ओवर धुरंधर से धुरंधर बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होते. यही कारण है कि शाम कि कोई भी टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना चाहती है.
आंकड़े सब बयां कर रहे
मौजूदा वर्ल्ड कप सीजन में भी वही हुआ है जो अब तक होता आ रहा है. 4 मैचों में से 3 पहले बल्लेबाजी करती हुई टीम ने जीते हैं. दूसरी पारी में जिस टीम ने भी बल्लेबाजी की है शुरुआत में विकेट गंवाए हैं. ऑस्ट्रेलिया जैसी घातक टीम भी अफगानिस्तान के खिलाफ शुरुआती 10 ओवर में 52 रन पर चार विकेट गंवा बैठी थी, लेकिन ग्लेन मैक्सवेल की ऐतिहासिक 201 रनों की नाबाद पारी ने टीम को असंभव सी दिख रही जीत दिलाई थी. वहीं, बाकी तीन मैचों में भी दूसरी पारी के पहले पॉवरप्ले में बल्लेबाजी करने वाली टीम का स्कोर 67/4, 35/3, 14/6 रहा है.
रोगी समूहों ने पीएम मोदी से कहा है कि वे दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को लागू करें ताकि दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय फंड स्थापित किया जा सके
नई दिल्ली: भारत में अल्पसंख्यक बीमारियों से पीड़ित बच्चों के परिवारों और एक प्रमुख मरीज समूह ने प्रधानमंत्री…

