Uttar Pradesh

Diwali: आम पटाखों से महंगे… पर सुरक्षित होते हैं ग्रीन क्रैकर्स, खरीदने जाएं तो ऐसे करें पहचान



विशाल झा/गाजियाबाद: दिवाली पर पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन आने के बाद ग्रीन क्रैकर्स सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य को बाध्य करता है और यह केवल दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र तक सीमित नहीं है. इससे पहले पटाखे को लेकर सुप्रीम कोर्ट दो बार गाइडलाइन जारी कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया था कि पटाखों पर पूरी तरीके से रोक नहीं है, बल्कि उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिसमें बेरियम सॉल्ट होता है.

गाजियाबाद में पटाखे की स्थितिगाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ है. इस वक़्त दिल्ली में दिवाली के दौरान सभी प्रकार के पटाखे पर प्रतिबंध है. दिल्ली में पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री और ऑनलाइन डिलीवरी पर रोक है. वहीं यूपी की योगी सरकार द्वारा फिलहाल पटाखों पर बैन नहीं है और गाजियाबाद-नोएडा में ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत है.

ग्रीन पटाखे की पहचान जरूरीग्रीन पटाखे के व्यापारी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि जो पटाखे पहले बनते थे, वह पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं. ऐसे में लोगों को आम पटाखे और ग्रीन पटाखे में अंतर समझना काफी जरूरी है. ग्रीन पटाखे नेचर फ्रेंडली होते हैं और साथ ही इनको सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. इन सभी पटाखे में ऐसा कोई भी साल्ट नहीं डाला जाता, जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाता हो. जिन पटाखे में बेरियम साल्ट डलता है वो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होते हैं.

लाइसेंस का इंतजारआगे बताया कि ग्रीन पटाखे में हमारे पास अनार, चकरी, फुलझड़ी और नाजी बम भी है. बस पटाखा कारोबारी को इंतजार है लखनऊ से आदेश आने का, जिसके अनुसार जिला स्तर पर पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस दिया जाएगा. फिर पटाखा बेचने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लोग मार्केट में पटाखा खरीदने के लिए घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी असली ग्रीन पटाखे नहीं मिल रहे हैं. इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद लगाई जा रही है.

ग्रीन पटाखे की ऐसे करें पहचानअसली ग्रीन पटाखे की पैकिंग काफी अलग होती है. इन पटाखों में सर्टिफिकेट और बारकोड डब्बे पर ही देखने को मिलता है. जिसको स्कैन करने के बाद आपको पता लगेगा कि इस पटाखे में क्या-क्या मिलाया गया है. ज्यादातर लोगों को ग्रीन पटाखे की पहचान नहीं होती है. ऐसे में वे कई बार केमिकल और गंभीर गैस निकालने वाले पटाखे खरीद लेते हैं. इस कारण प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है. ग्रीन पटाखे आम पटाखों के मुकाबले सुरक्षित भी हैं, क्योंकि कई बार पटाखा चलाते वक़्त भी लोगों के साथ हादसा हो जाता है, लेकिन ग्रीन पटाखे के साथ ऐसा नहीं होता. हालांकि ग्रीन पटाखे आम बिकने वालों पटाखों से थोड़े महंगे होते हैं.
.Tags: Diwali cracker ban, Ghaziabad News, Green Crackers, Local18FIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 21:33 IST



Source link

You Missed

Scroll to Top