Uttar Pradesh

गाजियाबाद भूमि घोटाले में कोर्ट ने IO को लगाई फटकार, आठों आरोपी तलब, 13 दिसंबर को पेश होने का आदेश



गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक अदालत ने 300 करोड़ रुपए के कोऑपरेटिव हाउसिंग घोटाला मामले का संज्ञान लिया है. अदालत ने मामले के आरोपियों को क्लीनचिट देने को लेकर यूपी पुलिस को फटकार लगाई है. विजयनगर थाने में दर्ज इस मामले की जांच को लेकर भी अदालत ने सवाल उठाए हैं. यूपी पुलिस ने मामले में RaW और SSB से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों को क्लीनचिट दी, जिसको लेकर गाजियाबाद की एडिशनल सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को घेरे में लिया है.

बीते 4 नवंबर को इस मामले में एडिशनल सीजेएम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर मामले की जांच करने वाले विवेचक यानी इंवेस्टिंगेटिंग ऑफिसर पर भी सवालिया निशान लगाया है. अदालत ने कहा कि विवेचक ने हाउसिंग सोसायटी केस की जांच के दौरान जान-बूझकर तथ्यों को नजरअंदाज किया. यही नहीं आईओ इस मामले में मुख्य गवाहों के बयान रिकॉर्ड करने में भी नाकाम रहे.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-2 की कोर्ट ने विवेचक को लताड़ लगाते हुए कहा कि विवेचक ने सिर्फ एक आरोपी बिल्डर संदीप सिंह के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था. जबकि सेवा सुरक्षा सहकारी आवास समिति के अध्यक्ष एससी कटोच, उपाध्यक्ष प्रद्युम्न कांत, सचिव पीके पांडे व चार अन्य सदस्य आरके राजवंशी, आरके सिंह, डीएस राठी, अमीलाल को क्लीनचिट दे दी थी. अदालत ने केस डायरी चेक कर विवेचना को संदिग्ध करार दिया है.

कोर्ट ने इस मामले को लेकर एसएसबी के पूर्व अधिकारियों केसी पांडे और पीएस बोरा द्वारा दाखिल याचिका पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस याचिका के आधार पर सभी आरोपियों को प्रथम दृष्टया साजिश रचकर धोखाधड़ी करने का दोषी माना है. इसी के तहत आरोपियों को आगामी 13 दिसंबर को अदालत ने तलब किया है. आपको बता दें कि इस मामले में पीड़ित व आरोपी, दोनों पक्ष एसएसबी और RaW के पूर्व अधिकारी हैं.
.Tags: Court, Ghaziabad caseFIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 20:05 IST



Source link

You Missed

comscore_image
Uttar PradeshDec 15, 2025

बेटी की शिक्षा का सपना होगा पूरा, नर्सरी से ग्रेजुएशन तक पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार, जानिए पूरी प्रक्रिया

X बेटी की शिक्षा का सपना होगा पूरा, ग्रेजुएशन तक पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार  UP Government Schemes…

Scroll to Top