Uttar Pradesh

प्लेन से उतरते ही जलने लगीं आंखें… सेटेलाइट इमेज से लगा पता… गाजियाबाद-नोएडा में वायु प्रदूषण पर CM योगी ने किसे ठहराया जिम्मेदार



हाइलाइट्सखतरनाक एयर क्वालिटी इंडेस्क्स पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब और हरियाणा पर आरोप लगाए हैंदो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली समेत 5-6 राज्यों को नोटिस जारी कियागोरखपुर. उत्तर प्रदेश के कई शेरोन खासकर दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है. पूरा का पूरा शहर गैस चैम्बर में तब्दील हो चुका है. खतरनाक एयर क्वालिटी इंडेस्क्स पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब और हरियाणा पर आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली समेत 5-6 राज्यों को नोटिस जारी किया. बुधवार को जब मैं दिल्ली जाते समय मैं गाजियाबाद में प्लेन से उतरा और बाहर निकला, मेरी आंखों में जलन होने लगी और मुझे एहसास हुआ कि ऐसा धुंध के कारण हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी वजह जानने के लिए उन्होंने नासा के सैटेलाइट इमेज की जांच की, तो पता चला कि पूरा पंजाब और उत्तरी भाग हरियाणा ‘लाल’ दिख रहा था. जब इन राज्यों से हवा चली, तो दिल्ली अंधेरे में ढकी हुई थी. इतना ही नहीं इसकी वजह से गाजियाबाद, नोएडा समेत कई जिले इसकी चपेट में थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के साथ सतत ग्रामीण विकास के लिए पारिस्थितिकी अनुकूल प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है. यह कोई आवश्यक नहीं यूरोप का कोई विकास मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए भी कारगर हो. तकनीकी आज की आवश्यकता है, पर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए प्राचीन देसी पद्धतियों से जोड़कर इसे आगे बढ़ाना होगा.

पराली संकट से दिल्ली गैस का चैंबर बनती जा रही हैमुख्यमंत्री ने कहा कि पराली संकट से दिल्ली गैस का चैंबर बनती जा रही है. पराली जलाने की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच-छह राज्यों को नोटिस जारी की है. पराली जलाने की समस्या से दिल्ली गैस का चैंबर बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास व समय के अनुरूप तकनीकी न विकसित करने से पराली पर्यावरण और धरती की उर्वरा शक्ति के लिए खतरा बन गई. यदि कम्बाइन के साथ रैपर भी लगा दिया जाता तो पराली के छोटे-छोटे टुकड़े मिट्टी में ही सड़कर ग्रीन कम्पोस्ट बन जाते. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत में जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. उनका स्वच्छ भारत मिशन भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है, जिसमें ग्रामीणों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति आग्रही बनाया गया.

कूड़ा प्रबंधन को सिर्फ नगरीय निकायों की जिम्मेदारी न मानेंसीएम योगी शुक्रवार को दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे. इस संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय के भूगोल विभाग की तरफ से, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है. बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण जल, भूमि, जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों का समन्वित रूप है. यदि भूमि रहने लायक न रहे, जल पीने लायक न रहे, जीव-जंतुओं का अस्तित्व संकट में रहे तो प्रौद्योगिकी का क्या महत्व रहेगा? पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को सरकार या संस्थानों के भरोसे छोड़ दिया जाता है. जैसे नगरों में कूड़ा प्रबंधन को नगरीय निकायों की जिम्मेदारी मान ली जाती है, जबकि यह नागरिक जिम्मेदारी ज्यादा है. साथ ही इसमें महत्वपूर्ण आयाम यह है कि इसमें प्रौद्योगिकी के योगदान को बेहतर कैसे बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और संस्थानों के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आए. उसके अनुकूल प्रौद्योगिकी अपनाए. इसके लिए नई प्रौद्योगिकी को देसी तकनीकी से जोड़कर जैव परिस्थिति के अनुकूल बनाकर अपनाना होगा.
.Tags: CM Yogi Adityanath, Gorakhpur newsFIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 14:56 IST



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