सौरव पाल/मथुरा: धर्म और संस्कृति की पवित्र धरती मथुरा बेहद शानदार और सुंदर शहर है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीलाएं की, लेकिन इसके साथ मथुरा का ऐतिहासिक महत्व भी है. मथुरा को भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है. यहां भारत के इतिहास से जुड़ी कई चीजें देखने को मिलती हैं. उसी ऐतिहासिक विरासत को लोगों के सामने लाने के लिए मथुरा में मुद्रा महोत्सव का आयोजन किया गया.मथुरा के नेशनल चैंबर में ब्रज संस्कृति शोध संस्थान द्वारा तीन दिन का मथुरा मुद्रा महोत्सव आयोजित किया गया. इसमें मथुरा के साथ देशभर के सिक्कों की प्रदर्शनी लगाई गई. कार्यक्रम के संयोजक बालकृष्ण खण्डेलवाल ने बताया कि मथुरा में यह इस तरह का पहला आयोजन किया गया, ताकि आम लोग सिक्कों के जरिए अपने इतिहास को जान सकें. सिक्कों से ही पहले के राजाओं के शासन काल और उनकी विरासत के बारे में पता चलता है. सिक्के लोगों को उनके इतिहास के साथ जोड़ते हैं, क्योंकि सिक्कों के ऊपर सुंदर कलाकारी के साथ-साथ इतिहास की जानकारी भी छुपी हुई होती है.कई राज्यों से कॉइन कलेक्टर हुए शामिलतीन दिन का यह उत्सव बेहद सफल रहा. पहली बार जिसमें करीब 3000 से भी अधिक लोग शामिल हुए. साथ ही महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, गुजरात के साथ कई अन्य राज्यों के सिक्के भी इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए गए. इस मुद्रा महोत्सव में ब्रजवासियों के साथ-साथ बाहर से आए लोगों ने भी सिक्कों के जरिए अपने इतिहास को जाना..FIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 23:02 IST
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