Uttar Pradesh

IITIAN का अनोखा स्टार्टअप! कबाड़ होने वाले डीजल वाहनों को बना दिया इलेक्ट्रिक व्हीकल



विजय कुमार/नोएडा: भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ लोगों का रुझान तो बढ़ रहा है. अधिक से अधिक लोग अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वहीं हम आज इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर शुरू किए गए एक अनोखे स्टार्टअप के बारे में आपको बताएंगे, जिसे आईआईटी रुड़की से पासआउट एक इंजीनियर द्वारा शुरू किया गया है. इस स्टार्टअप के जरिए अगर आपका कोई डीजल वाहन स्क्रैप में जाने वाला है तो उसे इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाएगा और उसकी उम्र में कई साल का और ज्यादा इजाफा भी हो जाएगा.

साल 2016 में आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले दिव्य कुमार ने अपने दोस्तों के साथ इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्षेत्र में कुछ अलग करने की ठानी और एक स्टार्टअप शुरू किया. इस स्टार्टअप में शामिल तमाम लोग अलग-अलग ऑटोमोबाइल सेक्टर में काम करने के बाद एक साथ आए थे. दिव्य कुमार ने बताया कि उनके स्टार्टअप IX ENERGY ने साल 2019 से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर काम शुरू किया था. वहीं वर्ष 2020-21 से उन्होंने अपनी उम्र पूरे कर चुके डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का काम शुरू किया.

इन व्हीकल को किया जाता है टारगेटIX Energy द्वारा ऐसी डीजल गाड़ियों को टारगेट किया जाता है जो 10 साल पूरा कर चुकी है और अब स्क्रैप में बदलने वाली है. कंपनी ऐसे कमर्शियल डीजल वाहनों के इंजन को हटाकर उसमें तमाम तकनीकी बदलाव कर उसे इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील कर देती है. जिससे न सिर्फ डीजल वाहन स्क्रैप में जाने से बच जाता है.

1 घंटे में व्हीकल हो जाएगा चार्जदिव्य कुमार ने बताया कि उनकी टीम तमाम तकनीकी बदलाव कर ऐसे वाहनों से इंजन निकालकर उसमें इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील करती है. साथ ही उस गाड़ी की उम्र भी 5 से 7 साल तक बढ़ जाती है. उनके द्वारा कन्वर्ट किए गए इलेक्ट्रिक वाहन को फुल चार्ज होने में एक घंटा लगता है. वहीं फुल चार्ज होने पर लोडेड कमर्शियल वाहन 110 किलोमीटर और खाली कमर्शियल वाहन 170 किलोमीटर चल सकता है.

कमर्शियल व्हीकल पर इतना होता है खर्चकंपनी द्वारा सिर्फ कमर्शियल वाहनों जैसे टाटा 407 और अन्य ट्रको पर इस तरह की तकनीक इस्तेमाल की जा रही है और उन्हें डीजल वाहन से इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जा रहा है. इस पूरे बदलाव में 20 से 22 लाख रुपए का खर्च आता है. इसके बाद स्क्रैप हो चुके वाहन की उम्र करीब 5 से 7 साल बढ़ जाती है और वह अपने मालिक को और ज्यादा मुनाफा कमा कर देता है. दिव्य कुमार बताते हैं कि फिलहाल वह कमर्शियल वाहनों पर काम कर रहे हैं लेकिन जल्द ही वह निजी वाहनों पर भी इस तरह की तकनीक को अप्लाई करने पर काम करेंगे.
.Tags: Local18, Noida news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 29, 2023, 19:14 IST



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