दशहरे के बाद प्रदूषण का डबल अटैक शुरू हो गया है. एक ओर जहां दशहरे के पर्व पर आतिशबाजी के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, वहीं दूसरी ओर सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है. दशहरे के बाद प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और यह आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकता है. दिवाली के बाद प्रदूषण और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है. फिलहाल, दिल्ली में प्रदूषण के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अस्थमा और सांस से जुड़ी अन्य बीमारियों वाले लोग तो पहले से ही प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन अब आम लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ, खांसी और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वायरल इंफेक्शन से पीड़ित लोगों को भी लंबी-लंबी खांसी हो रही है. इसलिए, प्रदूषण से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है.प्रदूषण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें- घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें.- आंखों को धूल और प्रदूषण से बचाने के लिए सनग्लास पहनें.- नियमित रूप से हाथ धोएं.- स्वस्थ आहार खाएं और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.- नियमित रूप से व्यायाम करें.
ये गलतियां न करें- किसी भी बीमारी के लिए खुद से दवा लेने से बचें. डॉक्टर से सलाह लेने के बिना दवा लेने से आपकी बीमारी और भी बिगड़ सकती है.कई लोग सोशल मीडिया पर मिलने वाले इलाज के तरीकों को आजमाकर अपनी बीमारी को और बदतर बना रहे हैं.- मास्क लगाकर व्यायाम करना खतरनाक है, यहां तक कि हल्का व्यायाम भी. मास्क के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.- खांसी-जुकाम के लिए एंटीबायोटिक और स्टीम का इस्तेमाल करने से बचें. बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है.
 
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