अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. शरद पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लग रहा है. यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा इसलिए इसके सूतक काल का असर भी पड़ेगा. चंद्रग्रहण के कारण बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में कई बदलाव होंगे. नित्य शाम गंगा तट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती ग्रहण के कारण शाम के बजाए दोपहर के वक्त होगा. इसके अलावा तमाम मंदिरों के कपाट भी शाम 4 बजे बन्द होंगे.अस्सी घाट के तीर्थ पुरोहित और जय मां गंगा सेवा समिति से जुड़े बलराम मिश्रा ने बताया शरद पूर्णिमा पर रात 1 बजकर 5 मिनट से चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी जो 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. सूतक काल में देव विग्रह के स्पर्श की मनाही होती है. ऐसे में अस्सी घाट पर होने वाली आरती भी शाम के बजाए दोपहर 3 बजे शुरू होगी.जो चार बजने से पहले समाप्त हो जाएगा.सभी घाटों पर बदला आरती का समयबताते चलें कि सालों बाद ऐसा होगा जब ग्रहण के कारण वाराणसी के घाटों पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती अपने तय समय के बजाय दोपहर में होगी. काशी के घाटों पर घूमने वाले पर्यटक और श्रद्धालुओं के लिए भी ये आश्चर्यजनक होगा.4 बजे बंद होंगे मंदिर के कपाटवाराणसी के अस्सी घाट ही नहीं बल्कि दशाश्वमेध,राजेन्द्र प्रसाद समेत तमाम घाटों पर होने वाली आरती के समय में बदलाव किया गया है.इसके अलावा वाराणसी के कुष्मांडा देवी मंदिर,गौरी केदारेश्वर,चिंतामणि गणेश समेत तमाम मन्दिरों के कपाट भी शाम 4 बजे बन्द हो जायेगे..FIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 11:48 IST
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