Uttar Pradesh

पापा की परी के कांड से पुलिस महकमे में मच गई खलबली, ‘रिवॉल्‍वर रानी’ के अजब-गजब कारनामे



हाइलाइट्सप्रियंका की नौकरी की बहाली का आदेश निरस्त.नियमों का उल्लघन कर बहाली का आदेश कराने वाला बाबू निलंबित.कानपुर. यूपी की ‘रिवॉल्वर रानी’ यानी पूर्व पुलिस कांस्टेबल प्रियंका मिश्रा दो साल पहले सरकारी बंदूक के साथ वीडियो बनाकर वायरल हुई थीं. अब फिर वे चर्चा में आ गई हैं. प्रियंका नौकरी से इस्तीफा दे चुकी थीं. फिर दोबारा नौकरी का आवेदन दिया, नौकरी मिली भी, लेकिन सिर्फ 48 घंटे में चली गई. मामले में पुलिस के विभाग के एक बाबू को भी निलंबित किया गया है. जांच की जा रही है, लेकिन बाबू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ना होने पर भी सवाल उठ रहे हैं.

कानपुर की रहने वाली प्रियंका मिश्रा को साल 2020 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली थी. ट्रेनिंग के बाद आगरा के मदनमोहन गेट थाने पर तैनात किया गया था. प्रियंका ने थाने के भीतर ही सरकारी रिवॉल्वर हाथ में लेकर एक फिल्मी गाने पर रील बनाई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. इस पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी थी. इसके बाद तत्कालीन एसएसपी मुनिराज ने प्रियंका को लाइन हाजिर किया था. इसके बाद प्रियंका ने फिल्मी दुनिया में कदम रखने की चाहत के चलते इस्तीफा दे दिया था.

नौकरी के लिए दोबारा किया था आवेदनप्रियंका ने कुछ समय बाद आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर नौकरी पाने के लिए आवेदन दिया था. इसकी जांच एसीपी स्तर के अधिकारी ने की थी. फिर विभाग में तैनात बाबू जितेंद्र कुमार ने नियमों से किनारा कर लिया. उसने हैड क्वार्टर की परमिशन मिले बिना ही नौकरी की बहाली का आदेश जारी करवा दिया. इसके बाद सिर्फ 48 घंटे के भीतर ही बाबू के कारनामे की कलई खुल गई. प्रियंका की बहाली का आदेश तो निरस्त हुआ ही बाबू को भी निलंबित कर दिया गया है. हालांकि बाबू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न होने पर सवाल उठ रहे हैं.

ये सवाल उठ रहेत्यागपत्र पहले स्वीकार किया जा चुका था. महिला सिपाही से ट्रेनिंग के दौरान खर्च किए गए रुपए भी विभाग ने जमा करा लिए थे. इसके बाद नौकरी पाने के आवेदन की जांच एसीपी मुख्यालय को सौंपी गई थी. क्या एसीपी मुख्यालय ने अपनी जांच में इन तथ्यों को दर्शाया था. यदि नहीं तो त्यागपत्र की तह तक क्यों नहीं गए. प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट के बाद प्रियंका की बहाली की फाइल तैयार हुई. प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजा जाना था. तथ्य छिपाकर बाबू जितेंद्र ने पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह से प्रियंकी की बहाली का आदेश करा लिया. बाबू ने इतना बड़ा रिस्क क्यों लिया, इसके पीछे उसका लालच था या लापरवाही की गई.
.Tags: Kanpur news, UP news, Viral newsFIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 13:40 IST



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