अंजली शर्मा/कन्नौज: नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के दर्शन से भी भक्तों के दुख दूर और कामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि नवरात्रि में हर भक्त माता के पावन दरबार जाने की कामना रखता है. नवरात्रों में सभी सिद्ध पीठों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है. कन्नौज के सिद्ध पीठ माता फूलमती मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. मान्यता है कि माता के परिसर से कभी भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटते. भक्तों की सच्चे दिल से मांगी हुई हर मनोकामना पूरी करती है.मंदिर महंत शिखर मिश्रा ने बताया कि यह मंदिर त्रेता युग के राजा वेणुचक्र की बड़ी पुत्री माता फूलमती देवी का है. यह सिद्ध पीठ कन्नौज का सबसे बड़ा सिद्ध पीठ माना जाता है. यहां पर माता के स्नान कराए गए नीर को भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है. इस नीर से लोगों के नेत्र रोग, शरीर में होने वाले सफेद दाग रोग व चर्म रोग में अमृत के समान काम करता है. बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी आस्था और मन्नतें के साथ यहां मंदिर में माता के दर्शन को आते हैं और माता का आशीर्वाद भी पाते हैं. जल्द ही में एक भक्त ने माता के स्नान किए नीर से अपनी आंखों के रोग से मुक्ति पाई है.प्राचीन है सिद्धपीठकन्नौज में सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है यह सिद्ध पीठ त्रेता युग के समय का है. यहां पर त्रेता युग से माता फूलमती विराजमान है. कन्नौज के राजा रहे वेणुचक्र की सात पुत्रियों में से एक पुत्री थी माता फूलमती. पिता के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को बचाने के लिए माता फूलमती ने अपनी सभी बहनों के साथ वैराग्य धारण कर लिया था. यह अति प्राचीन सिद्धपीठ माता फूलमती मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा स्वयंभू है और यह प्रतिमा त्रेता युग की है.क्या बोले श्रद्धालु ?कर्नाटक से आई श्रद्धालु ने बताया कि वो हमेशा नवरात्र में माता के दर्शन करने आती हैं. उनकी मम्मी, दादी सभी लोग इस सिद्ध पीठ में आकर दर्शन करती थी और जो भी मन्नत करती थी वह माता पूरी करती आई है. यहां के नीर से कई रोग में बहुत फायदा मिलता है यह चमत्कारी नीर अपने साथ ले भी जाते हैं..FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 22:59 IST
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