डेंगू वायरस हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को संक्रमित करता है. आमतौर पर ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल जलवायु में पाया जाने वाला डेंगू एक संभावित खतरा बना हुआ है क्योंकि अभी तक इसकी कोई दवा नहीं है. हाल ही में, जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित डेंगू बुखार के लिए एक दवा संयुक्त राज्य अमेरिका में एक छोटे से ह्यूमन चैलेंज ट्रायल में कुछ मरीजों में वायरस के एक रूप से बचाती हुई दिखाई दी. कंपनी ने शिकागो में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन की वार्षिक बैठक में आंकड़ों की प्रस्तुति से पहले कहा कि वर्तमान में डेंगू के कोई विशिष्ट उपचार नहीं हैं, जो एक बढ़ता हुआ रोग खतरा है.
जॉनसन एंड जॉनसन ने एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आंकड़ों से पता चला है कि कंपाउंड ने मनुष्यों में डेंगू के खिलाफ एंटी-वायरल गतिविधि को प्रेरित किया और प्लेसबो की तुलना में सुरक्षित है. जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के साथ किए गए टेस्ट में, 10 वालंटियर को एक ग्रुप के डेंगू के साथ इंजेक्शन लगाने से पांच दिन पहले जे एंड जे गोली की एक हाई डोज दी गई थी. उन्होंने इसके बाद 21 दिनों तक गोली लेना जारी रखा. अध्ययन 10 देशों में 30 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें फिलीपींस, थाईलैंड, पेरू, ब्राजील और कोलंबिया शामिल हैं.
टेस्ट के परिणामजॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित नई दवा डेंगू वायरस के खिलाफ प्रभावी हो सकती है. पहले चरण के ट्रायल में, 10 में से 6 लोगों के खून में डेंगू वायरस का पता नहीं चला, उन्हें इस दवा की उच्च खुराक दी गई थी और फिर डेंगू वायरस के कमजोर संस्करण से संक्रमित किया गया था. प्लेसबो समूह के सभी 5 लोगों के खून में, जिन्हें यह दवा नहीं दी गई थी, डेंगू वायरस का पता चला. इस दवा का अगला चरण का ट्रायल मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा.
किस तरह काम करती है दवाजॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित नई दवा दो वायरल प्रोटीन की क्रिया को ब्लॉक करके काम करती है, जिससे वायरस को अपनी प्रतियां बनाने से रोकती है. इस दवा का अभी तक बड़े पैमाने पर ट्रायल नहीं किया गया है, लेकिन यह सभी ट्रायल प्रतिभागियों द्वारा अच्छी तरह से सहन किया गया है. यदि यह दवा बड़े पैमाने पर काम करती है, तो यह कम और मध्यम आय वाले देशों में डेंगू के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस दवा तक पहुंच सभी के लिए उपलब्ध हो, न कि केवल उन लोगों के लिए जो इसे वहन कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह दवा सभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे, सरकार और दवा कंपनियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता होगी.
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