पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. अक्सर आप मिट्टी के बर्तन या मिट्टी के खिलौने देखते होंगे. उन खिलौनों को सुंदर आकार देने और उन्हें इतना खूबसूरत बनाने का काम करते हैं कुम्हार. जिनका पुश्तैनी काम ही मिट्टी के उत्पाद बनाकर मार्केट में सेल करना होता है और इसी से वह गुजर बसर करते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में इन दिनों मिट्टी को आकार देकर सुन्दर-सुन्दर उत्पाद बनाने वाले कुम्हार काफी खुश नजर आ रहे है.दरअसल, मिट्टी को आकार देकर तमाम तरह के खिलौने और बर्तन बनाने वाले कुम्हारो के जीवन में खुशहाली आ गई है. यह खुशहाली योगी सरकार के द्वारा कुम्हारों को नि:शुल्क प्रदान किए गए इलेक्ट्रिक चाक से आई है. कुम्हारों का जीवन पहले से बहुत अधिक आसान हो गया है. जिससे एक तरफ तो उनका काम आसान हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ कारोबार में भी वृद्धि हुई है. क्योंकि जो काम पहले देर में होता था वह जल्दी और आसानी से हो जाता है. जिसमे समय की बचत होती है इसके साथ ही काम ज्यादा होता है.इलेक्ट्रॉनिक चाक से बना रहे मिट्टी के बर्तनमुरादाबाद में पीढ़ी दर पीढ़ी कुम्हार का काम करते आ रहे कुम्हार बुद्धा, तारा सिंह, सोनू कुमार ने बताया कि पहले घंटो हाथ से चाक चलाकर काम करना पड़ता था. जिससे मेहनत तो बहुत अधिक लगती ही थी. साथ ही समय भी बहुत खर्च होता था जितनी हम मेनहत करते थे. उसके अनुसार उतनी कमाई नहीं हो पाती थी लेकिन जब से प्रदेश की योगी सरकार ने परम्परागत कला को संरक्षित करने और उनके व्यवसाय में वृद्धि करने के उद्देश्य से कुम्हारों को नि:शुल्क इलेक्ट्रानिक चाक देने की योजना बनाई है. तब से हमारा काम बहुत अधिक आसान हो गया है.कुम्हारों को हो रहा लाभइस योजना में लाभ प्राप्त कर कुम्हारों का कहना है कि अब हम बहुत कम समय और कम मेहनत में ज्यादा काम कर लेते है. जिससे हमारी आमदनी तो बढ़ी ही है. साथ ही हमारे समाज के जो लोग काम छोड़कर दूसरा काम करने लगे थे. उन्होंने भी सरकार के द्वारा दिए जाने वाले इलेक्ट्रानिक चाक पाकर अपना काम फिर से शुरू कर दिया है..FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 14:44 IST
Source link
Kartik Aaryan and Ananya Panday’s rom-com is a derivative drag
Malala Yousufzai might have braved the Taliban but I am sure she didn’t foresee a Kartik Aaryan. At…

