Health

brain fog reason any problem of forgetting after Covid 19 | कोविड के बाद भूलने की बीमारी तो नहीं, ब्रेन फॉग का हो सकता है असर



Coronavirus Brain fog:  कोरोना वायरस ने ना जानें कितनी जिंदगियां बर्बाद कर दी. ना जानें कितने परिवार उजड़ गए. करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना(Coronavirus) से उबर तो गए लेकिन किसी ना किसी परेशानी की शिकायत करते हैं. कोरोना से पीड़ित लोगों में खून में थक्कों की समस्या सामने आई थी.खासतौर पर फेफड़ों में जकड़न और इंफेक्शन आम समस्या थी. कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना के बाद ऐसा लगता है कि वो किसी काम(brain fog meaning) पर ध्यान नहीं केंद्रित कर पा रहे हैं इसके साथ याददाश्त शक्ति में कमी और काम सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं जिसे ब्रेन फॉग(brain fog meaning) नाम दिया गया है.
 
क्या है ब्रेन फॉग
नेचर मेडिसिन में प्रकाशित जर्नल के मुताबिक रक्त में थक्कों के बनने का असर दिमाग पर पड़ा है जिसे ब्रेन फॉग(brain fog kya hota hai) कहते हैं. हालांकि अभी पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि खून में बने थक्के किस तरह ब्रेन की नर्व्स पर असर डाल रहे हैं. जर्नल के को-ऑथर और लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस ब्राइटलिंग के मुताबिक उन्हें भरोसा है कि विज्ञान की मदद से कोरोना के बाद होने वाली परेशानियों के आधार तक पहुंचने में मदद मिलेगी. हालांकि वो अभी भी इस बात से चिंतित हैं कि ज्यादातर ऐसे मरीज हैं जो अब भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सके हैं. यह भी कहना मुश्किल है कि रिकवरी में और कितना अधिक समय लगेगा. ब्रेन फॉग से पीड़ित लोगों को भूलने की परेशानी, चलने में दिक्कत होती है.
1800 लोगों पर अध्ययन
यूके में 2020-21 के दौरान कोरोना से पीड़ित 1800 लोगों पर अध्ययन( brain fog test) किया गया था. इसमें उन लोगों को अध्ययन की श्रेणी में रखा गया जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं कराया था और इंफेक्शन के शिकार हुए. इन लोगों के ब्लड सैंपल को 6 महीने और 12 महीने के अंतराल पर लिया गया. ब्लड क्लॉटिंग से संबंध रखने वाले दो प्रोटीन फ्राइब्रिनोजेन और डी डाइमर की मौजूदगी से ब्रेन फॉग के लिए जिम्मेदार बताया गया है. फाइब्रिनोजेन का निर्माण लीवर करता है, डी डाइमर का निर्माण खून के थक्कों के टूटने पर होता है. जब कम और अधिक फाइब्रिनोजेन वाले मरीजों का अध्ययन किया गया तो पाया गया कि जिनमें फाइब्रिनोजेन की मात्रा अधिक थी उनमें भूलने की बीमारी, एकाग्रता की कमी अधिक थी. इसके साथ ही जिनमें डी डाइमर की मात्रा अधिक थी उनमें भी भूलने की बीमारी,चलने में लड़कड़ाहट और एकाग्रता की कमी देखी गई.
ब्लड थिनर पर शोध की जरूरत
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अरविंथन वरथराज ने कहा कि भविष्य के शोध(brain fog treatment) में यह देखना चाहिए कि क्या रक्त के थक्के को खत्म करने वाले उपचार में रक्त को पतला करने वाली दवा देनी चाहिए. रक्त को पतला करने वाली दवाओं के परीक्षणों में कठोरता बरतनी होगी. यह तो अभी शुरुआती जानकारी है. इस विषय में और गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है.



Source link

You Missed

Indore’s 'dancing cop' in trouble over sending unsolicited messages to woman on social media
Top StoriesSep 18, 2025

इंदौर के ‘नाचते हुए पुलिस अधिकारी’ को सोशल मीडिया पर महिला को अनचाहे मैसेज भेजने के मामले में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एक युवती ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उसने आरोप लगाया कि…

comscore_image
Uttar PradeshSep 18, 2025

सेहत के लिए किसी जादू से कम नहीं है ये फल, खाने से मिलेंगे ढेरों फायदे, ब्लड शुगर और सूजन भी रहेंगे कंट्रोल – उत्तर प्रदेश समाचार

सेहत के लिए किसी जादू से कम नहीं है ये फल, खाने से मिलेंगे ढेरों फायदे आजकल के…

Scroll to Top