Uttar Pradesh

बहने ध्यान दें; अगर रात में बांध रही हैं राखी तो दिशा का रखें ख्याल, भाई का मुख हो इस तरफ… आप बैठे ऐसे



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में पूजा-पाठ हो, शादी-विवाह हो या अंतिम क्रिया कर्म दिशा का चयन महत्वपूर्ण बताया गया है. दिशा से ही दशा तय होती है. ऐसे में कई बार देखा गया है कि शुभ कार्यों के दौरान लोग जानवरों से दिशा का ज्ञान लेते हैं. कुछ ऐसी ही इस बार रक्षाबंधन पर भी हो रहा है. रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया दिनभर रहेगा.

ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 9 बजे के बाद मिल रहा है. बहने यदि रात में मुहूर्त के अनुसार राखी बांध रही हैं तो उनको दिशा का भी ध्यान जरूर रखना चाहिए. अयोध्या के ज्योतिषी की मानें तो राखी बांधने में सिर्फ मुहूर्त ही नहीं, दिशा का चयन भी महत्वपूर्ण है और यदि रात में राखी बांधी जाए तब तो दिशा का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है.

भाई के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव ज्योतिषी ने बताया कि अगर सही विधि, मुहूर्त और दिशा में बैठकर राखी नहीं बांधी गई तो वह महज एक औपचारिकता रह जाती है, इसलिए रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय बहनों को ये जानना बेहद जरूरी है कि राखी किस कलाई में बांधी जाए, राखी बांधते समय किस दिशा में मुंह करके बैठा जाए और शुभ मुहूर्त क्या है. बताया कि ऐसा करने से भाई के सौभाग्य और स्वास्थ्य दोनों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है. शास्त्रों में इसके पीछे आध्यात्मिक कारण बताए गए हैं.

रात में राखी बांधें तो इस दिशा में हो मुखवास्तु शास्त्र के मुताबिक, राखी बांधते समय बहनों को अपना चेहरा पश्चिम की तरफ रखना चाहिए और भाइयों का मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा में होना चाहिए. ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि रक्षाबंधन का पर्व मनाने के लिए भाई को उत्तर और पूर्व की दिशा में बैठना चाहिए, वहीं बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. अगर संध्या काल हो गई हो या रात में राखी बांधी जाए तो उस समय भाई का मुख पश्चिम की तरफ होना चाहिए. लेकिन, सूर्योदय से लेकर सायं काल तक पूरब और उत्तर की दिशा में मुख करके ही राखी बंधवानी चाहिए.

इसलिए दाहिने हाथ में बांधी जाती है राखीधार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, शरीर का दाहिना हिस्सा पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि कोई भी धार्मिक कार्य दाहिने हाथ से ही किया जाता है. इतना ही नहीं, शरीर का दाहिना हिस्सा नियंत्रण की शक्ति भी देता है. दाहिने हाथ को वर्तमान जीवन के कर्मों का हाथ भी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अगर इंसान दाहिने हाथ से दान करता है तो भगवान भी इसे स्वीकार करते हैं. अगर आप अपने भाई की कलाई में राखी बांध रही हैं तो आप उसके दाहिने हाथ में ही राखी बांधे.

पुरुष के दाहिने हिस्से में दैवीय शक्ति!अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग संज्ञा दी गई है. पुरुषों के लिए दाहिना अंग पवित्र बताया गया है. माना जाता है कि पुरुष के दाहिने हिस्से में दैवीय शक्ति का वास होता है. दाहिने हाथ की कलाई में शक्ति का स्रोत होता है. यही वजह है कि दाहिने हाथ की कलाई में राखी बांधने का प्रावधान है.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्तसावन की पूर्णिमा के दिन यानी 30 अगस्त को पूरा दिन भद्रा का साया रहेगा. ऐसी स्थिति में आप 30 अगस्त को रात 9:00 बजे के बाद से 31 अगस्त सुबह 7:00 बजे तक राखी बांध सकते हैं.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Astrology, Ayodhya News, Local18, RakshabandhanFIRST PUBLISHED : August 27, 2023, 20:38 IST



Source link

You Missed

Scroll to Top