Uttar Pradesh

गीतकार ‘इंदीवर’ ने इस झील के पास बैठकर लिखे थे कई गीत, जानें लोकेशन



शाश्वत सिंह/झांसी. फिल्म अनोखी रात का एक मशहूर गीत है, ‘ओह रे ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में, सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने ना’. इस गीत को लिखने वाले थे मशहूर गीतकार इंदीवर ने. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस गीत का झांसी से भी खास नाता रहा है. गीतकार इंदीवर ने यह गीत झांसी के बरुआसागर झील के पास बैठकर लिखा था. बरुआसागर के रहने वाले इंदीवर ने इस झील के पास बैठकर अनेक गीत लिखे थे.

साल 1924 में इंदीवर का जन्म झांसी के पास स्थित बरुआसागर में हुआ था. उनका असली नाम श्यामलाल बाबू राय था. उनका शुरुआती जीवन बरुआ सागर किले और झील के आसपास ही बीता. वह यहां घंटों बैठे रहते थे और प्रकृति को निहारते हुए गीत लिखा करते थे. यही वह एक फक्कड़ बाबा के संपर्क में आ गए थे. उनके गीतों को सुनकर इंदीवर ने भी गीत लिखना शुरू कर दिया.

 12 वर्ष की आयु में लिखी थी पहली कविता

उन्होंने अपनी 12 वर्ष की आयु में लिखी थी. इस कविता की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के लिए लिखा था, ‘सुन किराएदार खाली कर दे मकान’. इस गीत की वजह से उन्हें एक साल की जेल हो गई थी.

फक्कड़ बाबा से मिली गीत लिखने की प्रेरणाइंदीवर के परिवार के सदस्य आज भी झांसी में रहते हैं. उनके भतीजे अजीत राय ने लोकल 18 को बताया की बरुआ सागर झील के किनारे एक फक्कड़ बाबा के संपर्क में आने की वजह से इंदीवर की रूची गीतों और कविताओं में बढ़ गई. जब वह जेल से सजा काटकर लौटे तो उन्हें स्वतंत्रता सेनानी की उपाधि दी गई. इसके बाद मुंबई चले गए जहां उन्होंने 3000 से भी अधिक गीत लिखे. आज भी झांसी के लोग इंदीवर का नाम गौरव से लेते हैं.
.Tags: Local18, Uttar pradesh news, झांसीFIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 22:32 IST



Source link

You Missed

Scroll to Top