Uttar Pradesh

ज्ञानवापी के बाद अब टीले वाली मस्जिद को लेकर मच सकता है बवाल, इतिहासकारों ने कही ये बड़ी बात



अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. काशी में इन दिनों ज्ञानवापी का सर्वे हो रहा है. इस दौरान यह मामला काफी चर्चित है. इसी बीच लखनऊ की टीले वाली मस्जिद भी चर्चा में आ गई है. कुछ हिंदू संगठनों ने अब टीले वाली मस्जिद के सर्वे की मांग भी उठानी शुरू कर दी है. आखिर क्या है टीले वाली मस्जिद की हकीकत यह जानने के लिए हमने देश के जाने-माने इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट से बातचीत की. भट्ट का  दावा है कि टीले वाली मस्जिद असल में लक्ष्मण टीला है, क्योंकि लखनऊ शहर को राम के अनुज लक्ष्मण ने बसाया था.

वह कहते हैं कि अंग्रेजों के गजेटियर में भी लक्ष्मण टीला ही लिखा गया है. उसी का इसमें जिक्र मिलता है. वह बताते हैं आज भी टीले वाली मस्जिद में कई अवशेष ऐसे मिलते हैं जिससे यह साबित होता है कि वह टीले वाली मस्जिद नहीं बल्कि लक्ष्मण टीला है. उन्होंने आगे दावा किया कि जब मुगल काल में औरंगजेब का शासन आया तब उसने यहां पर मस्जिद का निर्माण कराया और इस मस्जिद में आज शाह मुहम्मद पीर की मजार है, जिसे लोग बहुत मानते हैं और मुस्लिम समुदाय यहां पर नमाज अदा करता है. वह बताते हैं कि इस मामले को कई बार हिंदू संगठनों ने अलग-अलग तरीकों से उठाया है.

लखनऊ नाम में भी है इसका जिक्रदेश के जाने-माने इतिहासकार स्वर्गीय डॉ. योगेश प्रवीन ने भी अपनी किताब लखनऊ नामा में टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला होना ही बताया है. यही नहीं उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि 12वीं सदी में जब यवनों ने अवध पर आक्रमण किया तो इस शेष तीर्थ को नुकसान पहुंचा और जब मुगल काल में औरंगजेब आया तो उसने अपने तत्कालीन गवर्नर सुल्तान शाह कुली खां द्वारा इस तीर्थ स्थान की जगह पर मस्जिद का निर्माण कराया. तभी से इसे टीले वाली मस्जिद कहा जाने लगा. डॉ. योगेशप्रवीन ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि टीले वाली मस्जिद में जौनपुर के सैय्यद हजरत अब्दुल्ला शाह चिश्ती के चेले शाह मुहम्मद पीर की मजार है, इसलिए मुस्लिम समुदाय इसे बहुत मानते हैं.

ऐसा है लक्ष्मण टीला का आकारस्वर्गीय डॉ. योगेश ने अपनी किताब लखनऊ नामा में यह भी लिखा है कि लक्ष्मण टीला 200 मीटर लंबा, 120 मीटर चौड़ा है. यही नहीं उन्होंने यह भी लिखा है कि पुरातत्वविद डॉक्टर सांकलिया ने उनको यह बताया था कि लक्ष्मण टीले में अपार प्राचीनतम अवशेषों का एक संग्रहालय है, जहां पर तमाम मूर्तियां, प्राचीन अवशेष और राष्ट्रीय पक्षी मयूर समेत कई बर्तन मिलते हैं उसको नीचे रखा गया है.

लखनऊ में यहां है यह मस्जिदलखनऊ शहर में बड़े इमामबाड़े से कैसरबाग की ओर बढ़ने से पहले ही बाएं हाथ पर टीले वाली मस्जिद नजर आ जाती है. यही नहीं कुड़िया घाट से भी है मस्जिद साफ नजर आती है.
.Tags: Gyanvapi Masjid, Local18, MasjidFIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 12:13 IST



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