Uttar Pradesh

गाय के गोबर व गौमूत्र से खाद बनाकर कर रहे खेती, फसल के मिल रहे डेढ़ गुना दाम



शिवहरि दीक्षित/ हरदोई. खेती करना भी आज के दौर में खर्चीला हो गया है क्योंकि खेत तैयार करने से लेकर फसल काटने तक खाद और कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं. इसके कारण खेती में उनकी लागत बढ़ जाती है. इसलिए किसान कैमिकल आधारित खेती की जगह गाय आधारित खेती पर जोर दे रहे हैं. जहां खेती में किसानों की लागत कम हो जाती है पर उत्पदाकता में किसी प्रकार की कमी नहीं आती है. इसे साबित कर करके दिखाया है हरदोई के एक किसान ने, इन्होंने बीमारी से बेटे की मृत्यु हो जाने के बाद से खेती करने के तरीके को बदल दिया.

हरदोई के सिलवारी गांव के किसान धर्मेंद्र सिंह गौ आधारित खेती करते हैं, वह बताते हैं कि देशी गाय के गोबर, गौमूत्र, गुड़, चूना, बरगद की मिट्टी के मिश्रण से खाद बनाकर खेतों में डालते हैं. वहीं वह नीम की पत्तियां व नीम की फली से भी खाद तैयार कर खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं. वह वर्ष भर में 2 हेक्टेयर में कई फसलें उगाते हैं. जिसमें कि वह मोटा अनाज सांबा, मूंगफली, ज्वार, बाजरा साथ ही वह लाल भिंडी, काला गेहूं चना आदि की भी मौसम के अनुरूप फसलें उगाते हैं.

कम खर्च में कमा रहे ज्यादा मुनाफा

किसान धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि वह गौ आधारित खेती में रासायनिक खेती से एक चौथाई से भी कम लागत में फसलें उगा लेते हैं. वहीं जब तैयार फसल को वह बेचते हैं तो गौ आधारित खेती से उगाई गई फसल का डेढ़ गुना दाम मिलता है. वह बताते हैं कि जब सरकारी क्रय केंद्र पर एमएसपी 2125 था तब इनका साधारण गेहूं 28 सौ रूपये प्रति कुंतल गया था वहीं काला गेहूं 52 सौ रूपये प्रति कुंतल बिका.

बेटे की मौत ने बदल दिया खेती का तरीका

किसान धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि उनका दस वर्ष का बेटा जिसकी मौत गुर्दे में इंफेक्शन की वजह से हो गई थी. जिसका कारण डॉक्टर के द्वारा यह बताया गया कि रासायनिक खेती से उगाए गए अनाज की वजह से ऐसा हुआ तब से वह रासायनिक खेती छोड़ गौ आधारित खेती करने लगे. अब वह अपने 2 हेक्टेयर एरिया में केवल गौ आधारित खेती ही कर रहे हैं.

200 बीघे खेतों में गौ आधारित हो रही खेती

किसान धर्मेंद्र सिंह कृषि वैज्ञानिकों व संस्थानों से गौ आधारित खेती के गुण सीखने के बाद लगातार कई वर्षों से गौ आधारित खेती का तरीका अपनाया रहे हैं. जिससे उन्हें काफी मुनाफा भी हो रहा है, धर्मेंद्र से प्रेरित होकर उनके गांव व पास के गांव के किसान भी लगभग 200 बीघा खेत मे गौ आधारित खेती से फसल उगाने लगे हैं. वह सभी किसान धर्मेंद्र से गौ मूत्र व गोबर आदि से बनी खादों के बनाने के तरीके को सीख अब खुद ही खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल करने लगे.
.Tags: Hardoi News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 23:54 IST



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