Uttar Pradesh

14 people died in 10 days due to unknown disease in mayorpur villagers panic nodaa



रंगेश सिंह
सोनभद्र. म्योरपुर विकास खंड के सेंदुर (मकरा) ग्राम पंचायत में 10 दिन में 14 मौतें हो चुकी हैं. पिछले 24 घंटे में यहां मासूम समेत 2 लोगों की मौत हुई. प्राइवेट लैब की जांच में मृतकों के मलेरिया ग्रसित होने की बात सामने आई है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग मलेरिया से मौत से इनकार कर रहा है.
जब मीडिया की टीम गांव में पहुंची तो स्वस्थ्य विभाग में हड़कंप मंच गया. आनन-फानन में म्योरपुर सीएचसी की टीम दवा और जांच किट लेकर गांव में कैंप करने पहुंच गई. 10 दिन में 14 मौतें होने के बाद भी जिले का स्वास्थ्य महकमा अनजान बना हुआ था. अब जिलाधिकारी ने गांव का दौरा कर स्वास्थ्य विभाग को सख्त चेतावनी देते हुए गांव में कैंप करने व बीमारी पर जल्द से जल्द अंकुश लगाने का आदेश दिया है.
बता दें कि पिछले 10 दिनों से अबूझ बीमारी का कहर गांव में पसरा हुआ है. अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. शनिवार की रात रामसूरत की बेटी कविता (11) की मौत हो गई. परिजन उसे इलाज के लिए अनपरा स्थित निजी चिकित्सालय में ले गए थे, जहां उसकी मौत हो गई. उधर, इसी ग्राम पंचायत के टोला मढैया के रहनेवाले शिव प्रसाद की पत्नी सोनिया (48) की भी मौत अबूझ बीमारी से हो गई है. मृतकों के परिजनों की मानें तो दोनों की जांच में मलेरिया पीएफ निकला था. मलेरिया की दवा खाने के बाद थोड़ी राहत मिलने की वजह से सोनिया को अहरौरा धान काटने गई थीं, जहां उनकी मौत हो गई. शिव प्रसाद ने बताया कि वे सरकारी अस्पताल गए थे पर न तो कोई जांच हुई थी, न ही कोई दवा ठीक से दी गई. जिसके बाद गांव में घूमने वाले छोला छाप डॉक्टर से दवा ली थी, पर कोई फायदा नही हुआ और अचानक मौत हो गई.
स्थानीय ग्रामीण अंकुश दुबे के अनुसार, लगातार हो रही मौतों के बाद ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों की मौत की मुख्य वजह मच्छर के काटने से मलेरिया व टाइफाइड है. स्वास्थ्य महकमे की ओर से किया जा रहा प्रयास नाकाफी है. पहले भी उनके यहां कभी भी मच्छररोधी दवा का छिड़काव नहीं किया गया, जिससे उन्हें मच्छरों से निजात मिल सके.
इसके पहले शनिवार को सीएमओ ने गांव में पहुंचकर स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया था. वहीं, कल हुई दो मौतों के बाद जिलाधिकारी टिके बाशु ने दौरा कर स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया. सीएमओ नेम सिंह ने दावा किया था कि नए मलेरिया और डेंगू पॉजिटिव रोगी नहीं मिले. ऐसे में एक बार फिर मौतों के कारण सीएमओ के दावे की हवा निकल गई है. गांव के बसंत लाल, राधे राम, संगम लाल स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि स्वस्थ्य विभाग की टीम आज आपलोगों की वजह से दिख रही है. गांव में किसी भी चीज की सुविधा नहीं है. मलेरिया या अन्य दवाइयों की उपलब्धता नहीं है. सरकारी अस्पताल में कोई दवा नहीं मिलती, जिसकी वजह से प्राइवेट डॉक्टरों के यहां जाना पड़ता है. एंबुलेंस या डॉक्टर बुलाने या खोजने के बाद भी नहीं दिखते हैं.
इस संबंध में म्योरपुर सीएचसी के डॉ. लाल जी राम ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर स्थिति नियंत्रण में लाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी जा रही है. मच्छररोधी दवा का छिड़काव भी कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गांव के पानी में फ्लोराइड, नदी व कुएं का खुला पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. हमलोग जांच कर गांव के लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.Tags: Death, Disease, Sonbhadra News



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