Uttar Pradesh

अब छूटेंगे बल्लेबाजों के पसीने, IIT कानपुर के प्रोफेसर ने खोजी नई तरह की गेंद, गेंदबाजों की होगी बल्ले-बल्ले…



अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. आजकल 20 ओवर के मैच और आईपीएल के मैच में स्कोर 200 के पार तक पहुंचता है. बल्लेबाजों को रोकना गेंदबाजों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. गेंदबाज तरह-तरह की बॉल डाल बल्लेबाज को रोकने का प्रयास करते हैं. कई बार में सफल होते हैं और कई बार असफल क्रिकेट जगत में कई ऐसी बॉलिंग स्टाइल है और कुछ बॉलर अपनी खास गेंद बल्लेबाजों को रोकने का प्रयास करते हैं. ऐसी एक बॉल है नकल बॉल जो फास्ट बॉलर डालते हैं. वहीं अब आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने नकल बॉल 2 को खोज निकाला है.

प्रोफेसर का दावा है कि इस बॉल के इस्तेमाल करने से बल्लेबाज को शॉट लगाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर संजय मित्तल ने स्विंग बॉल विश्लेषण को गहनता से जानने के लिए कई साल तक शोध किया. जिसके बाद उन्होंने नकलबॉल 2 का इजात किया है. उन्होंने बताया कि अगर तेज गेंदबाज नकलबॉल होरिजेंटल के बजाय वर्टिकल सीम पर प्रयोग करें तो बल्लेबाज उस बॉल को समझ नहीं पाएगा और गेंदबाज को सफलता मिलेगी. फास्ट गेंदबाजी में स्विंग सबसे महत्वपूर्ण होती है गेंदबाज नकल बॉल का इस्तेमाल कर बॉल को स्विंग कराने की कोशिश करते हैं ताकि बल्लेबाज शॉर्ट ना खेल पाए.

6 वर्षों तक बॉल के स्विंग होने पर किया शोधआईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संजय मित्तल ने अपने टीम के साथ मिलकर 6 वर्षों तक बॉल के स्विंग होने पर शोध किया. इसके बाद उन्होंने तेज गेंदबाजी के और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निष्कर्ष निकला है. प्रोफेसर की टीम ने प्रयोगात्मक अध्ययन से प्राप्त परिणामों हो और सटीक बनाने के लिए कंप्यूटेशन मॉडलिंग का उपयोग किया है.

मौसम की भूमिका होती है महत्वपूर्णप्रोफेसर मित्तल ने बताया कि किसी भी बॉल को स्विंग कराने में बॉल की सीमा उसकी स्पीड उसकी सतह का खुदरा पन और मौसम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने बताया कि बॉल की गति की दिशा में 20 डिग्री झुकाया जाता है तो वह 30 से 119 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सिंह होती है. गति 125 किलोमीटर प्रति घंटा के ऊपर होने पर बॉल में रिवर्स स्विंग होती है. यदि कोई गेंद 119 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सीखी जाती है तो पहले भाग में मौलवी वसीम होती है और इसके बाद स्वाभाविक स्विंग होती है. प्रोफेसर मित्तल ने बताया कि समान तौर पर तेज गेंदबाज नकल बॉल डालने के लिए होरिजेंटल सीम का प्रयोग करते हैं. वहीं अगर वह वर्टिकल सीम का प्रयोग करें तो बाल का मूवमेंट समझना बल्लेबाज के लिए बेहद मुश्किल होगा.

.Tags: Kanpur news, Sports news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : August 04, 2023, 17:57 IST



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