Uttar Pradesh

Gyanvapi Controversy: ज्ञानवापी विवाद में सर्वे पर रोक के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज



प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी. एएसआई सर्वे आदेश और सिविल वाद की वैधता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच में यह मामला सुना जाएगा. 8 अप्रैल 2021 को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे का आदेश दिया था.

मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे भी शुरू हो गया था, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन की रोक लगा थी और याचियों को हाईकोर्ट जाने को कहा था.

अब सिविल वाद की वैधता को लेकर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल है. मंगलवार दोपहर 12 बजे ज्ञानवापी से जुड़ी योजनाओं पर सुनवाई की जाएगी. 28 नवंबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला रिजर्व कर लिया था, लेकिन जून 2023 में कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर दुबारा सुनवाई का फैसला लिया. अब आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी. स्वयंभू आदि विशेश्वर नाथ मंदिर हिंदुओं की तरफ से पक्षकार हैं. वहीं, हिंदू पक्ष की तरफ से आज भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन पैरवी करेंगे. वैद्यनाथन अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश कर उसे जीत दिला चुके हैं.

जानकारी के अनुसार, वाराणसी जिला जज के एएसआई सर्वे के आदेश के खिलाफ भी मुस्लिम पक्ष की ओर से रिवीजन पिटिशन दाखिल की जाएगी. 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज की ओर से एसआई सर्वे का आदेश दिया गया था, उसके बाद विवादित परिसर का एएसआई ने सर्वे भी शुरू कर दिया गया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एएसआई के सर्वे पर 26 जुलाई शाम 5:00 बजे तक रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट में रिवीजन पिटिशन दाखिल करेंः एससी 

कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष यानी मस्जिद इंतजामिया कमेटी को हाईकोर्ट में रिवीजन पिटिशन दाखिल करने को कहा है. मुस्लिम पक्ष की ओर से आज दाखिल होने वाली रिवीजन पिटिशन अर्जेंसी के आधार पर सुने जाने की मांग की जा सकती है. इस अर्जी में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी जाएगी कि एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही एएसआई सर्वे पर रोक लगाई है. ऐसे में वाराणसी जिला जज का आदेश सही नहीं है. रिवीजन पिटिशन में वाराणसी जिला जज के आदेश को रद्द करने की मांग की जाएगी. वहीं मुस्लिम पक्ष की दाखिल होने वाली रिवीजन पिटिशन को लेकर हिंदू पक्ष ने पहले ही कैविएट दाखिल कर रखी है. कैविएट दाखिल होने के बाद कोर्ट हिंदू पक्ष को भी सुनेगा और उसके बाद ही कोई फैसला सुनाएगा. श्रृंगार गौरी की मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कैविएट दाखिल की है.
.Tags: Allahabad high court, Gyanvapi Masjid Controversy, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 25, 2023, 07:16 IST



Source link

You Missed

Union Home Ministry takes over Ladakh LG’s financial powers for project approvals up to Rs 100 crore
Top StoriesNov 28, 2025

भारतीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख के उपराज्यपाल के वित्तीय अधिकारों को 100 करोड़ रुपये तक परियोजना अनुमोदन के लिए संभाल लिया है

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण का परिवर्तन करते हुए, लद्दाख के उपराज्यपाल के…

Scroll to Top