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R Ashwin wanted to retire from international cricket after aus match also told her wife before ind vs aus | R Ashwin Retirement: ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद संन्यास ले लेते अश्विन, पत्नी से अकेले में कही उस बात का खुद खोल दिया राज



Ravichandran Ashwin Statement on Retirement : ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) की गिनती भारत के दिग्गज खिलाड़ियों में होती है. हालांकि ये अनुभवी क्रिकेटर अब अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर नजर आ रहा है. अश्विन को हाल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final-2023) के लिए भी टीम में नहीं चुना गया था. अब उन्होंने बड़ा राज खोला है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
WTC फाइनल में भी नहीं मिली थी जगहऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत को 209 रनों की करारी हार झेलनी पड़ी. कप्तान रोहित शर्मा के कई फैसलों की आलोचना हुई जिसमें से एक अश्विन को टीम से बाहर रखना भी रहा. इस मैच में रवींद्र जडेजा को अश्विन पर तरजीह दी गई थी. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के इस फैसले की आलोचना की. दरअसल, इसकी बड़ी वजह अश्विन का 2021-23 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल में 61 विकेट लेना भी रहा. इसके बावजूद अश्विन को मैच में मौका नहीं दिया गया.
अश्विन ने अब तोड़ी चुप्पी
अश्विन ने अब इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ Wफाइनल खेलना पसंद करता, क्योंकि मैंने टीम को फाइनल में पहुंचाने में भूमिका निभाई थी. 2021 के फाइनल में मैंने चार विकेट लिए थे.’ अश्विन को तब न्यूजीलैंड के खिलाफ WTC फाइनल के लिए टीम में शामिल किया गया था. हालांकि भारतीय टीम तब भी न्यूजीलैंड से हारकर खिताब जीतने से महज एक कदम पीछे रह गई थी.
संन्यास का बना लिया था मन
इसके अलावा अश्विन ने एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया. 36 साल के इस दिग्गज ने कहा कि उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद संन्यास लेने का मन बना लिया था. अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 विकेट लिए थे. उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया. उन्होंने कहा, ‘मैं बांग्लादेश से घर आया और अपनी पत्नी से कहा कि मैं फरवरी में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद रिटायर हो सकता हूं. मैं घुटने की समस्या से जूझ रहा था और अपने एक्शन में बदलाव करना चाहता था. हर गेंद के बाद मेरे घुटने में एक पॉप था, और यह वास्तव में सूज गया था.’ 
इस तरह किया बदलाव
अश्विन ने हालांकि अपने एक्शन पर मेहनत की और फिर मैदान पर दमदार वापसी में कामयाब रहे. उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अपने एक्शन को शुरुआती वर्षों के दौरान इस्तेमाल किए गए एक्शन से बदला. मैं बेंगलुरु (NCA) गया, इंजेक्शन लिया और धीरे-धीरे दर्द दूर होने लगा.’ अश्विन ने साथ ही कहा कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिलना उनके पिछले 4-5 साल के बेहतरीन प्रदर्शन में से एक है. बता दें कि अश्विन ने 92 टेस्ट मैचों में 474 विकेट लिए हैं. इसके अलावा वनडे में 151 और टी20 इंटरनेशनल में उनके नाम 72 विकेट दर्ज हैं.



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