हिमाचल प्रदेश के संगला गांव की रहने वाली दो बहने कोच को अपना आदर्श मानती हैं. उन्हीं को देखकर उन्होंने बॉक्सिंग करना सीखा और आज इस मुकाम पर पहुंची है. बॉक्सर दीपिका बताती है कि स्कूल में हम बहनों को कोच ने बॉक्सिंग की सभी चीजें उपलब्ध करवाएं, जिससे हमने प्रैक्टिस करना शुरू किया. हम दोनों बहनों के कोच ने अपने पैसों से बॉक्सिंग के सामान खरीद कर दिए और बॉक्सिंग की ट्रेनिंग करना सिखाया.
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दक्षिण-पूर्व एशिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तीन में से केवल एक वयस्क मधुमेह रोगी को उपचार मिल पाता है।
नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में डायबिटीज के मरीजों का इलाज करने में सिर्फ एक तिहाई ही सफल…

