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garbha sanskar technique helpful in make good behaviour children know here garbh sanskar course brmp | आप भी चाहते हैं संस्कारी बच्चा तो समझ लीजिए ‘गर्भ संस्कार विधि’, जानिए इसके शानदार फायदे, ऐसे उठा सकते हैं लाभ



भूपेंद्र राय : हर माता-पिता की चाहत होती है कि उनका बेटा शारीरिक रूप से मजबूत, दिमाग से तेज और संस्कारवान बने. इसके लिए ज्यादातर मां-बाप बच्चे का साया बनकर उन्हें रास्ता भी दिखाते हैं और सही बातें समझाते हैं, लेकिन हर किसी की ये चाहत पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि हम देखते हैं कि कोई बच्चा अगर दिमाग से तेज होता है तो कोई शारीरिक रूप से कमजोर रहता है, लेकिन अगर आप एक हेल्दी और संस्कारवान बच्चा चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, आजकल पेरेंट्स गर्भ में ही बच्चे को गुण और संस्कारी बनाने की थेरेपी ले रहे हैं. जी हां, एक्सपर्ट का मानना है कि गर्भ संस्कार विधि से बच्चे को गुणी और संस्कारी बनाया जा सकता है. चलिए आपको बताते हैं इस विधि के बारे में सबकुछ…
क्या होती है ‘गर्भ संस्कार’ विधि (What is Garbh Sanskar method)एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गर्भ में पल रहा शिशु, मां के आसपास मौजूद वातावरण से काफी कुछ सीखता है. यहां तक कि मां के अच्छे और बुरे मूड का असर भी बच्चे पर सीधा पड़ता है. प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शिशु का दिमाग विकसित हो जाता है, जिससे वो बाहरी गतिविधियों को महसूस करता है. गर्भ संस्कार के जरिए शिशु को अच्छा आहार, आध्यात्मिक ज्ञान और संगीत से जोड़ा जाता है, ताकि उस पर पॉजिटिव असर हो. आसान शब्दों में कहें तो अजन्में बच्चे के दिमाग को शिक्षित करने की प्रक्रिया को गर्भ संस्कार विधि कहा जाता है. 
क्या कहते हैं आयुर्वेद एक्सपर्टडॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, गर्भ संस्कार ने शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास में योगदान के रूप में लोकप्रियता प्राप्त की है. गर्भ संस्कार के बारे में प्राचीन शास्त्रों के लिखा गया है और इसे आयुर्वेद में भी शामिल किया गया है. एक स्वस्थ आहार, सकारात्मक विचार, नियमित व्यायाम और एक प्यार भरा बंधन, गर्भ संस्कार के प्रमुख घटक हैं.
गर्भ संस्कार का पारंपरिक महत्वपारंपरिक तौर पर हम देखें तो आदिकाल से ही यह प्रथा हिन्दू परंपरा का हिस्सा रही है. उदाहरण के तौर पर गर्भ संस्कार का असर अभिमन्यु और प्रह्लाद जैसे पौराणिक चरित्रों पर बहुत सकारात्मक रूप में पड़ा था, जैसा कि कहानियों में भी स्पष्ट किया गया है कि ये अपनी माता के गर्भ से ही ज्ञान अर्जित कर के आये थे.
गर्भावस्था के दौरान गर्भ संस्कार के लाभ (Benefits of Garbh Sanskar during pregnancy)
दावा किया जाता है कि शिशु के द‍िमाग का व‍िकास होता है और वह भविष्य में बुद्धि‍मान बनता है.
डॉक्‍टर ऐसा मानते हैं क‍ि गर्भ संस्कार विधि से होने वाला बच्‍चा व्यवहारिक होता है और उसमें जन्म से ही अच्‍छी आदतें आती हैं.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि योग, संगीत और आहार का सकारात्‍मक असर बच्‍चे पर पड़ता है.
इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और आप कई बीमारियों से बची रहती हैं.
गर्भ संस्‍कार व‍िध‍ि मां को तनाव मुक्‍त रखती है, लिहाजा मां और बच्‍चे का मन शांत रहता है, ज‍िससे ड‍िलीवरी के दौरान क‍िसी तरह की परेशानी नहीं आती.
जानिए कहां कराया जा रहा है गर्भसंस्कार कोर्स और क्यों है ये खास?गर्भसंस्कार ने शिशु के मानसिक-शारीरिक विकास में योगदान के रूप में काफी लोकप्रियता प्राप्त की है. इसी को देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय में ‘गर्भ संस्कार’ कोर्स शुरू कराया गया है. इस कोर्स के जरिए बताया जाता है कि बच्चे को संस्कारवान कैसे बनाया सकते हैं. इस कोर्स में महिलाओं को इस विषय से संबंधित तमाम जानकारियां दी जाती हैं, इसका ये फायदा है कि जब भी कोई महिला गर्भ धारण करे तो वह शिशु को अच्छे संस्कार दे पाए. 
क्या कहती हैं गर्भ संस्कार एक्सपर्टलखनऊ यूनिवर्सिटी में गर्भसंस्कार कोर्स की एक्सपर्ट शिवानी मिश्रा कहती हैं कि बच्चों के जन्म के बाद मां-बाप के पास बच्चे के लिए ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में जब गर्भवती महिलाएं पूरी तरह से बेड रेस्ट ले रही होती हैं, तभी वैदिक संस्कार के जरिए बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जा सकते हैं, जिससे कि बच्चे जन्म के बाद ही वह समाज के लिए बेहतर काम करें, इस लिहाज से गर्भसंस्कार कोर्स अहम हो जाता है. काफी लोग इस कोर्स का फायदा उठा रहे हैं.
गर्भ संस्कार कोर्स में इन चीजों पर है फोकस
गर्भसंस्कार कोर्स में सबसे ज्यादा फोकस गर्भवती महिला के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर किया गया है. 
इस कोर्स में महिलाओं के खान-पान से लेकर फिजिकल एक्टिविटी पर कोकस किया गया है.
इस कोर्स के तहत काउंसलिंग की प्रक्रिया भी की जाती है, जिससे उसका मानसिक स्वास्थ बेहद रहे.
इस कोर्स के माध्यम से आईवीएफ और सरोगेसी इन दोनों प्रक्रियाओं के बारे में समझाया जाता है.
विशेषज्ञ इस कोर्स के दौरान फैमिली प्लैनिंग को लेकर परिवार से पूरी बातचीत कर सही राय देते हैं.
ये भी पढ़ें: मोबाइल या फिर टीवी के बिना गले नहीं उतरता निवाला तो जल्द बदल लें ये आदत, वरना सेहत हो जाएगी खराब!
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.



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