अमित सिंह/प्रयागराज : अमेरिका की एक वेबसाइट पर भारतीय चारपाई को एक लाख रुपए में बेचा जा रहा है .आपको बता दें कि ग्रामीण अंचल में इसे खाट या फिर खटिया बोला जाता है . खास बात यह है कि प्रयागराज में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में दूब घास बेहद प्रचलित है. ग्रामीण जब खुले में अपने मवेशी को छोड़ते हैं तो खेत मैदान में जानवर से खाकर अपना भरण-पोषण करते हैं लेकिन अब इसी ” दूब घास ” को शहरों में बेचा जा रहा है. शहर के हनुमान मंदिर ठीक सामने करीब अलग-अलग 5 से 6 दुकानदार इसी दूब घास को बेचतें हैं. इनमें कुछ जरूरतमंद होते हैं और कुछ प्रोफेशनल.हालांकि सभी की दिनचर्या सामान है. शहर के लगे हुए इलाकों में से यह दूब घास की कटाई करते हैं और शाम चार बजे अपनी दुकान खोल कर बैठ जाते हैं. खास बात यह है कि इनके दुकान पर कुछ घंटों के ही भीतर शहरी खरीदार अपने गाय, भैंस या फिर बकरी आदि के लिए इसे खरीद कर ले जाते हैं. घास बेचने वाली 70 वर्षीय महिला सरोजा ने बताया कि वह प्रतिदिन हनुमान मंदिर के सामने घास बेचने के लिए आती हैं. इसके लिए वह कंपनी गार्डन में 2 से 3 घंटे तक घास कटतीं हैं. इसके बदले में उन्हें 50,100 या फिर 200 मिल जाते हैं.मजदूरी करके परिवार का भरण पोषणसरोजा ने बताया कि यह उनकी नियमित दिनचर्या है. वह दारागंज में रहती हैं और उनके दो पुत्र हैं. एक पुत्र अन्य राज्य में कमाई करता है तो भी दूसरा मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता है. उधर बातों-बातों में ही सरोजा ने सरकार से वृद्धा पेंशन की भी मांग भी कर डाली. सरोज का कहना है कि घर बैठने से अच्छा है कि कुछ काम किया ही जाए.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : May 14, 2023, 13:47 IST
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