Symptoms of alzheimer: अल्जाइमर रोग एक गंभीर बीमारी है जो व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करती है. इस बीमारी में व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार पर असर पड़ता है. यह दिमाग से जुड़ी समस्या है, जिसमें दिमाग में अमायलॉइड प्लॉक और न्युरोफाइब्रीलैरी जैसे कई बदलाव आते हैं. इससे न्यूरॉन और उनके कनेक्शन कमजोर होने लगते हैं. यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ गंभीर होती जाती है और व्यक्ति की सोचने और याद रखने की क्षमता कम होती जाती है. इस समय, व्यक्ति स्वतंत्र रूप से रहने में अक्षम हो जाता है और उसे सहायता की आवश्यकता होती है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease) एक ऐसी बीमारी है जो ज्यादातर बड़ी उम्र के लोगों में होती है. यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ने के साथ-साथ इसकी संभावना भी बढ़ती है. इस रोग का शुरुआती अवस्था को अर्ली ऑनसेट कहते हैं जो कम होते हुए भी हो सकती है. अल्जाइमर रोग का आकलन 40-50 की उम्र में शुरू हो सकता है. अध्ययनों के अनुसार, 85 साल से अधिक उम्र के लोगों में से एक-एक तिहाई लोग अल्जाइमर रोग से पीड़ित होते हैं. इस बीमारी के होने के पीछे दिमाग के न्यूरॉन्स और कोशिकाओं के कार्यों में होने वाले बदलावों की जांच की जा रही है, जिससे इस बीमारी के होने की वजह समझी जा सके.
कम उम्र में इस तरह मिलते हैं अल्जाइमर के लक्षण (early sign of alzheimer)
अचानक याददाश्त में कमी आना
सामान्य बातों को भूल जाना, जैसे कि समय, तारीख या घर का पता
स्पष्ट बोलने में मुश्किल होना या बोलना बंद कर देना
व्यवहार में बदलाव, जैसे कि सामाजिक संपर्क में कमी होना या घर से बाहर जाने में कठिनाई होना
काम करने की क्षमता में कमी आना, जैसे कि काम की याददाश्त में कमी होना या संकल्प बनाने में कठिनाई होना
अनुभव या सीखे हुए कौशलों को भूल जाना, जैसे कि घर के काम या कुछ सीखा हुआ खेल
असामान्य बातों को करना, जैसे कि एक बार में एक ही काम करने में कठिनाई होना या कपड़े पहनने का सही तरीका नहीं समझना
अल्जाइमर का उपचारअल्जाइमर रोग का एक सटीक उपचार अभी तक नहीं मिला है, लेकिन कुछ दवाइयों और थेरेपी के माध्यम से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. इस रोग में अत्यधिक उत्तेजना या तनाव से बचने के लिए व्यक्ति को शांति और आराम देना चाहिए. दवाइयों के बारे में बताया जा रहा है:
एक्सेलेरेटर- यह दवा अल्जाइमर रोग के लक्षणों में से कुछ कम कर सकती है. यह दवा न्यूरोट्रांसमीटर नामक रासायनिक पदार्थों का स्तर बढ़ाती है जो दिमाग में संचार को संभव बनाते हैं.
मेमोंटिन- यह दवा अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम करने में मदद करती है. यह दवा न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ाने वाली एक और दवा है जो दिमाग के काम को बेहतर बनाती है.
एंटीडिप्रेसेंट्स- यह दवाएं डिप्रेशन और अत्यधिक उत्तेजना जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती हैं जो अल्जाइमर रोग के लक्षणों का कारण बनती हैं.
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