Uttar Pradesh

Bsp leader mayawati playing Muslim cast factor role before up election 2022 upns



लखनऊ. 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (UP Chunav 2022) के लिए जंग वैसे तो भाजपा (BJP) और सपा (SP) के बीच ही दिख रही है लेकिन, बसपा (BSP) जैसी पार्टी खामोशी से अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है. पार्टी का ध्यान अपने दलित वोटबैंक की मजबूती पर तो है ही लेकिन, मुस्लिम वोटबैंक को समेटने के लिए भी कम कसरत नहीं चल रही है. पश्चिमी यूपी में बसपा के पास एक मजबूत मुस्लिम वोटबैंक रहा है. इसीलिए पार्टी के तमाम मुस्लिम चेहरे गांव-गांव जाकर अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं. गाजीपुर से अफज़ाल अंसारी, अमरोहा से दानिश अली और सहारनपुर से हाज़ी फजलुर्रहमान तीन मुस्लिम सांसद बसपा से हैं. इसके अलावा मायावती ने विधानसभा में आजमगढ़ से मुस्लिम विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को ही विधानमंडल दल का नेता बना रखा है.
दरअसल, बसपा की कोशिश है कि कैसे भी करके दलित वोटबैंक के साथ मुस्लिम वोटबैंक को जोड़ा जाये. ब्राह्मण सम्मेलनों के जरिये यदि इस समुदाय का भी बसपा की तरफ झुकाव हुआ तो तीनों के इस समीकरण से पार्टी को विधानसभा की राह आसान होती दिख रही है. इसीलिए मुस्लिम नेताओं को लोगों के बीच खामोशी से काम करने के निर्देश दिये गये हैं. इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए बसपा प्रदेश अध्यक्ष रहे मुनकाद अली, शम्सुद्दीन राइन, नौशाद अली, फैज़ान अली, हाफिज इरशाद और सालिम अंसारी जैसे नेता दिन रात एक किये हुए हैं.
मुस्लिम नेताओं पर खेला दांवइसके अलावा बरेली में हाज़ी मुहम्मद जाहिद, अमरोहा में जफर मलिक, रामपुर में हबीबुल रहमान, संभल में साजिद अहमद सैफी और जालौन में रफीउद्दीन पन्नू को लगाया गया है. मऊ की जिम्मेदारी फैज़ आलम संभाल रहे हैं. अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र अमरोहा में आने वाली सभी विधानसभाओं में लगातार जनता के बीच हैं. उनके साथ हर रोज मीाटिंग होती है. उनकी मांगों को हल करने की कोशिशें की जाती हैं. इसका फायदा हमें विधानसभा के चुनाव में भी मिलेगा. पूर्व अध्यक्ष मुनकाद अली ने कहा कि हमारी तो कोशिश है कि मुस्लिम समाज हमारी पार्टी से जुड़े. खामोशी के साथ सभी लोग नुक्कड़ मीटिंग कर रहे हैं.
दलित- मुस्लिम गठजोड़ की राह पर बसपाबता दें कि दलित- मुस्लिम गठजोड़ को कायम करने के लिए भी मायावती ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 99 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था. पार्टी को मजे के वोट भी मिले लेकिन, प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा. 403 में से महज 19 उम्मीदवार और 99 मुस्लिम उम्मीदवारों में से महज 5 ही जीत पाये. अब एक बार फिर से मायावती की ये कोशिश है कि दलित-मुस्लिम-ब्राह्मण समीकरण तैयार हो जाये. अब देखना ये दिलचस्प होगा कि 2022 के चुनाव के लिए मायावती कितने मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारती हैं. जानकारों का मानना है कि मायावती की राह में सबसे बड़ा रोड़ा चुनाव के साम्प्रदायिक मुद्दों पर होना है. यदि ऐसा होता है तो मुस्लिम वोटबैंक की आस उन्हें छोड़नी पड़ेगी.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



Source link

You Missed

Opposition highlights unemployment under NDA rule, questions truth behind empowerment claim
Top StoriesNov 5, 2025

विपक्ष ने एनडीए शासनकाल में बेरोजगारी को उजागर किया, सशक्तिकरण के दावे की सच्चाई पर सवाल उठाए

NH और अन्य सड़कों के नेटवर्क को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने और राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में…

Rana Daggubati’s Spirit Media makes Hindi debut with Manoj Bajpayee starrer; unveils five-film slate
EntertainmentNov 5, 2025

रणवीर सिंह की प्रोडक्शन कंपनी ज़ी स्टूडियो के साथ सहयोग करेगी राणा दग्गुबाती की स्पिरिट मीडिया; मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म के साथ हिंदी में डेब्यू करेगी

कान्हा जैसी फिल्मों के साथ-साथ हमारे द्वारा समर्थन दिए जा रहे अन्य फिल्मों के निर्माण में भी हमें…

Punjab MP Amarinder Warring booked over casteist remarks against late leader Buta Singh
Top StoriesNov 5, 2025

पंजाब सांसद अमरिंदर वारिंग के खिलाफ बीते नेता बुटा सिंह के खिलाफ जातिवादी टिप्पणियों के मामले में केस दर्ज

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा विरिंग के खिलाफ ‘जातिवादी टिप्पणियों’ के…

Scroll to Top