Uttar Pradesh

तोड़ने से पहले होते हैं मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के ये 2 टेस्ट – News18 हिंदी



नोएडा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर सुपरटेक की एमरॉल्ड योजना में टावर तोड़े जाने हैं. दिसम्बर में इस काम को अंजाम दिया जाना है. लेकिन टावर तोड़े जाने में अब तकनीकी पेच फंस गया है. टावर तोड़ना अब इतना आसान नहीं है जितना सोचा जा रहा था. अब सुपरटेक के ट्वीन टावर (Supertech Twin Tower) को तोड़ने से पहले मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के दो टेस्ट कराने होंगे. कई एजेंसियों की हफ्तों की माथापच्ची के बाद यह फैसला लिया गया है. अब टावर को तोड़ने से पहले को नन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT) और ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (GPR) टेस्ट कराए जाएंगे. सभी एजेंसियां पहले टावर की मजबूती और बनावट को परखेंगी. टावर के नीचे की जमीन के अंदर भी देखा जाएगा कि कौनसी सी चीज कहा है.
ट्वीन टावर तोड़ने से पहले होंगे एनडीटी और जीपीआर टेस्ट
यह होता है एनडीटी टेस्ट-
एनडीटी मतलब नन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग. इस टेस्ट में किसी भी बिल्डिंग के साथ किसी वस्तु की मजबूती जांची जाती है. इसके अलावा यह किस मैटेरियल से बना हुआ है और कहां-कहां से जुड़ा हुआ है, इसका पता लगाया जाता है. इसके अलावा इसे तोड़ने के लिए कितनी ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा इसका पता भी इसी टेस्ट में लगता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें वस्तु को बिना नष्ट किए आवश्यक जानकारी हासिल की जाती है.
यह होता है जीपीआर टेस्ट-
जीपीआर मतलब ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार. इस तरह के टेस्ट में एक तरीके से जमीन के अंदर का एक्सरे किया जाता है. एक तय गहराई तक जमीन के अंदर कौनसी वस्तु है और वो कहां-कहां है. उस खास जगह पर जमीन के अंदर से होकर क्या गुजर रहा है. जीपीआर टेस्ट से जमीन ही नहीं कंक्रीट के अंदर की वस्तुओं का भी पता लगाया जा सकता है. इसकी मदद से यह भी पता चल जाता है कि जमीन के नीचे से कितनी पाइप लाइन और तार गुजर रहे हैं.
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टावर के नीचे से जा रही गैस पाइप लाइन ने बढ़ाई परेशानी
सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट योजना के ट्वीन टावर के नीचे से गैस की पाइप लाइन जा रही है. काम कर रहीं एजेंसियों का कहना है कि जीपीआर टेस्टिंग से यह पता लगाना होगा कि पाइप लाइन कितनी गहराई में है. अगर ज्यादा गहराई में पाइपलाइन है तो कोई खतरा नहीं होगा.

अगर यह कम गहराई होगी तो फिर इसका विकल्प सोचना होगा. इस पाइपलाइन की सुरक्षा भी बेहद अहम है. जीपीआर टेस्ट से यह भी पता लगाना होगा कि बिजली, पानी सहित अन्य लाइनों का जाल वहां से कितनी दूरी पर है. साथ ही कितनी गहराई में इसे डाला गया है. अगर ट्विन टावर का मलबा गिरता है तो इसका असर इन पर पड़ सकता है या नहीं.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



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