IND vs AUS 1st ODI Match: मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच वनडे सीरीज का पहला मैच खेला था. इस मैच में 32 साल के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे. इस मैच के बाद मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने अपने खेल पर बड़ा बयान दिया. शमी ने पहले वनडे में छह ओवर में दो मेडन से 17 रन देकर तीन विकेट झटके जिससे भारत ने 35.4 ओवर में ऑस्ट्रेलिया को 188 रन पर समेट दिया और फिर यह लक्ष्य 39.5 ओवर में हासिल कर लिया.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
मोहम्मद शमी ने खोल दिया बड़ा राज
आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की पांच विकेट की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शीर्ष तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी के बाद रिकवरी की प्रक्रिया को भी अहम बताया. बीसीसीआई डॉट टीवी पर पोस्ट किए गए वीडियो में उन्होंने साथी तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के साथ बातचीत में कहा, ‘योजना बहुत ही सरल थी. हमने टीम बैठकों में बात की थी कि हम अच्छी शुरूआत करेंगे, सही क्षेत्र में गेंदबाजी करेंगे , अपनी लाइन एवं लेंथ पर अडिग रहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘गर्मी भी एक मुद्दा थी. जब हमने पहला स्पैल डाला तो बहुत गर्मी थी लेकिन बाद में जब हवा चलनी शुरु हुई इसमें थोड़ा सुधार हुआ.’
बिना अभ्यास के मैच खेलने उतरे
अहमदबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट में गेंदबाजी के बाद उबरने के लिए वह पहले वनडे के लिए आयोजित ट्रेनिंग सेशन में भी अभ्यास नहीं कर सके थे और सीधे मैच में खेलने उतरे. इस पर शमी ने कहा, ‘अहमदाबाद में 40 ओवर के बाद मुझे रिकवरी (थकान से उबरने) के लिए एक से दो दिन की जरूरत थी. मैंने रिकवरी की और मैच में खेलने उतरा.’ उन्होंने कहा, ‘टीम प्रबंधन ने स्वीकार किया कि मुझे रिकवरी की जरूरत थी. हमने इतने सारे मैच खेले हैं और हमें अपने कौशल और काबिलियत का पता है. इसलिए महत्वपूर्ण था कि हम रिकवर अच्छे से करेंगे और बेहतर परफोर्म कर पाएंगे.’
सिराज ने झटके तीन विकेट
सिराज ने भी 29 रन देकर तीन विकेट झटके थे और वह भी भारत की जीत में महत्वपूर्ण रहे थे. उन्होंने कहा, ‘जब मुझे नई गेंद मिलती है तो मैं इनस्विंग डालने की कोशिश करता हूं. बाएं हाथ का बल्लेबाज सामने होता है तो मैं इनस्विंग गेंदबाजी की कोशिश करता हूं. मैं पावरप्ले में ज्यादा से ज्यादा विकेट झटकने की कोशिश करता हूं. मुझे एक विकेट मिल गया.’ सिराज ने कहा, ‘जब मैं फाइन लेग में गया, तब आप गेंदबाजी कर रहे थे. मैं सोच रहा था कि क्या हो रहा है. मैं सोच रहा था कि क्या अंपायर ने आपको नयी गेंद दी है या क्या हुआ? उन्होंने आगे कहा, ‘फिर मैं गेंदबाजी के लिये आया, गेंद अच्छी तरह मूव कर रही थी. इसलिए मैंने एक ही क्षेत्र में निरंतर गेंदबाजी की कोशिश की. मुझे आपसे भी टिप्स मिले और हमने वानखेड़े में गेंदबाजी का लुत्फ उठाया.’
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