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Asthma In Children: how long can asthma last in childhood Know is symptoms causes and methods of prevention | Asthma In Children: बच्चों में अस्थमा कितने समय तक रह सकता है? जानें लक्षण, कारण और बचाव के तरीके



Asthma Symptoms: वायु प्रदूषण में युवा पीढ़ी का जीवन और कठिन हो गया है. जहरीली हवा में सांस लेने से युवावस्था से ही व्यक्ति की सेहत पर असर पड़ता है. दिल्ली, मुंबई भारत के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शुमार हैं. प्रदूषण के कारण इन दिनों कई युवा अस्थमा से पीड़ित हो रहे हैं. आइए आज इस बीमारी को तोड़ा गहाई से समझते हैं. कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
अस्थमा क्या है?अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों के उत्तरोत्तर रेंगने को प्रभावित करती है जिससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, श्वसन में शोथ और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखते हैं. यह एक अल्पकालिक और अस्थायी समस्या नहीं होती है, बल्कि अधिकांश मामलों में यह एक लंबे समय तक चलती है और अस्थमा रोगी के जीवन भर चलती रहती है.
बच्चों में अस्थमा के लक्षण
सांस लेने में तकलीफ
खांसी (जो रात में अधिक हो सकती है)
सांस लेने में तकलीफ जो खेलने या व्यायाम करने में बाधा डालती है
थकान, जो खराब नींद के कारण हो सकती है
अस्थमा के संकेत और लक्षण अलग-अलग बच्चों में भिन्न और समय के साथ बदतर या बेहतर हो सकते हैं. आपके बच्चे को केवल एक ही संकेत हो सकता है, जैसे कि खांसी या छाती में जमाव.
बच्चों में अस्थमा के कारण
जेनेटिक
फूड संबंधी एलर्जी
वायु प्रदूषण
धूम्रपान और शराब
जीवाणु और कीटाणु संक्रमण
कैसे करें बचाव
स्वस्थ खाएं: कम उम्र से ही पोषक तत्वों से भरपूर और स्वस्थ आहार सुनिश्चित करें.
प्रदूषण से बचें: बच्चों को धूम्रपान वाले क्षेत्रों या अत्यधिक प्रदूषण से दूर रखने का प्रयास करें.
प्रॉपर चेकअप: नियमित मेडिकल चेकअप करवाएं.
शारीरिक गतिविधि: बच्चों में शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि शरीर को फिट और स्वस्थ रखा जा सके.
क्या बच्चों का अस्थमा ठीक हो जाता है?दुर्भाग्य से अस्थमा एक आजीवन बीमारी है, लेकिन बच्चों में अस्थमा की डिग्री का इलाज किया जा सकता है. उचित चिकित्सकीय हस्तक्षेप और देखभाल से अस्थमा के लक्षणों को रोका जा सकता है और जोखिम को कम किया जा सकता है. बड़ों को सावधान रहना चाहिए और अपने बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखनी चाहिए. इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक रहने और तीव्र लगने की स्थिति में, डॉक्टर से जांच करवाना हमेशा बेहतर होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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