IND vs AUS, 4th Test: भारत को अगर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में जगह बनानी है तो उसके बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में अच्छा प्रदर्शन करना होगा. भारत मौजूदा सीरीज में अभी 2-1 से आगे चल रहा है और उसके लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने के लिए समीकरण बेहद सरल हैं. उसे इस सीरीज में 3-1 से जीत दर्ज करनी होगी ताकि वह श्रीलंका के न्यूजीलैंड दौरे के परिणाम पर निर्भर नहीं रहे.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
सीरीज में स्पिनरों की तूती बोली है
अभी तक सीरीज में स्पिनरों की तूती बोली है, क्योंकि विकेट उन्हीं के अनुकूल तैयार किए गए थे. मोटेरा में हालांकि बल्लेबाजों के लिए भी अनुकूल परिस्थितियां होने की संभावना है. ऐसे में विराट कोहली और उनके साथी बल्लेबाज किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे. नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय टीम को दर्शकों के अपार समर्थन मिलने की संभावना है. मैच के पहले दिन एक लाख दर्शकों के पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ पहली बार अपने नाम वाले स्टेडियम में क्रिकेट मैच देखने के लिए मौजूद रहेंगे.
टिककर खेलना होगा
दर्शकों के जोश को बनाए रखने की जिम्मेदारी हालांकि कोहली, रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों पर होगी जिन्हें 22 गज की पिच पर अपना जलवा दिखा कर मैच जीतना होगा. कोहली ने सीरीज में अभी तक 111 जबकि पुजारा ने 98 रन बनाए हैं. इन दोनों को यहां टिककर खेलना होगा. सीरीज में भारत की तरफ से सर्वाधिक रन कप्तान रोहित (207) ने बनाए हैं. उनके बाद अक्षर पटेल (185) का नंबर आता है. इससे पता चलता है कि बल्लेबाजों के लिए इस सीरीज में रन बनाना कितना मुश्किल रहा है.
चौथे टेस्ट में पहले 5 मिनट के अंदर ही टर्न लेगी गेंद?
बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर नाथन लियोन, टॉड मर्फी और मैट कुह्नमैन का सामना करने का मतलब है कि अगर भारत पहले बल्लेबाजी करता है तो उसे संभवत: उस तरह का विकेट नहीं मिलेगा, जिसमें पहले पांच मिनट में ही गेंद टर्न लेना शुरु कर देती है. कोहली और पुजारा इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि वह लंबे समय से किसी अच्छे गेंदबाजी आक्रमण के सामने बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं. यहां यदि अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं, तो वह बड़ी पारी खेलने के लिए बेताब होंगे.
पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों की जरूरत
जहां तक टीम संयोजन की बात है तो भारतीय टीम में एक बदलाव होना तय है. मोहम्मद शमी को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाएगा, जहां वह अनुभवी उमेश यादव के साथ नई गेंद का जिम्मा संभालेंगे. मोहम्मद सिराज को आराम दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें 17 मार्च से मुंबई में शुरू होने वाली वनडे सीरीज में भी अहम भूमिका निभानी होगी. भारतीय बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में रखने की बात भी चल रही है, लेकिन यदि पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होती है तो फिर 20 विकेट लेने के लिए पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों की जरूरत पड़ेगी.
भरत की तुलना में ईशान बेहतर बल्लेबाज
अक्षर ने सीरीज में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया है, लेकिन बाएं हाथ की उनकी स्पिन गेंदबाजी का ज्यादा उपयोग नहीं किया गया है. मोटेरा में उन्होंने काफी प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और यहां वह फिर से गेंदबाजी में प्रभावी प्रदर्शन कर सकते हैं, जहां तक विकेटकीपर का सवाल है तो कोना भरत अभी तक बल्लेबाजी में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ इस विभाग में किसी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं दिखते हैं. ईशान किशन ने हालांकि मैच से पहले काफी अभ्यास किया जिससे इस विभाग को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है, क्योंकि वह भरत की तुलना में बेहतर बल्लेबाज हैं.
भारत साल 2012 से कोई सीरीज नहीं हारा
ऑस्ट्रेलिया की टीम की बात करें तो यह देखना होगा कि वह विकेट को देखने के बाद टॉड मर्फी के रूप में एक ऑफ स्पिनर को बाहर करके एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज (स्कॉट बोलैंड या लांस मॉरिस) को टीम में रखते हैं या नहीं. ऑस्ट्रेलिया पहले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह पक्की कर चुका है और ऐसे में पैट कमिंस के स्वदेश लौटने के कारण कप्तानी का जिम्मा संभाल रहे स्टीव स्मिथ की टीम का लक्ष्य भारत का पिछले 10 वर्षों से घरेलू धरती पर अजेय रहने का रिकॉर्ड बिगाड़ना होगा. भारत ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज गंवाने के बाद अपनी धरती पर कोई सीरीज नहीं हारी है.
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