अलीगढ़. पर्यावरण संरक्षण के तहत होलिका दहन पर इको फ्रेंडली होली मनाने के लिए अलीगढ़ की गौशाला में इन दिनों गाय के गोबर से गुलरी बनाने का काम जोरों पर है. गौशाला में गुलरी बनाने के लिए आधा दर्जन महिलाएं जुटी हुई हैं. इन महिलाओं का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के तहत होलिका दहन पर लोगों को हरे पेड़ काटने की बजाय गौकाष्ठ का उपयोग करना चाहिए. ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके.अलीगढ़ की पंचायती गौशाला नगला मसानी में गाय के गोबर (गौकाष्ठ) से गुलरी बनाने का काम इन दिनों जोरों पर दिखाई दे रहा है. गुलरी बनाने वाली महिलाओं में से रेशमा नाम की महिला का कहना है कि हम पिछले कई दिन से गाय के गोबर से गुलरी बना रहे हैं और इन गुलरी को होलिका दहन पर कई चौराहों पर लकड़ी कि जगह इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर हरे पेड़ों की कटाई ना करें. गौशाला में पर्यावरण संरक्षण के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए गाय के गोबर से गुलरी बना रही महिलाओं ने ईको फ्रेंडली होली भी लिखा है.पंचायती गौशाला नगला मसानी में गाय के गोबर से गुलरी बना रही महिला कृष्णा गुप्ता का कहना है कि होलिका दहन पर गौकाष्ठ के उपयोग से त्योहार भी फीका नहीं होगा और पर्यावरण भी शुद्ध होगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 05, 2023, 18:07 IST
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Maharashtra farmer gets Rs 6 aid for crop losses; says can’t even buy cup of tea with it
Tangde said, “I have just two acres of land. I got a message that Rs 6 have been…

