अमेठी: होली हर किसी के लिए खास होती है. इस पर्व को और बेहतर बनाने के लिए अमेठी की महिलाएं अपनी भागीदारी निभा रही हैं. महिलाएं ग्रामीण अंचल में होली के लिए प्राकृतिक गुलाल और रंग तैयार कर रही हैं. जिससे लोग बिना किसी खतरे के होली खेल सकें. कई महिलाओं का समूह इस काम को कर रहा और अब तक हजारों परिवारों तक रंग और गुलाल पहुंच भी चुका है.भादर विकासखंड के भवापुर गांव की महिलाओं का समूह गाय के गोबर की राख में आरारोट मिलाकर गुलाल और रंग तैयार करता है. इस कार्य से उन्हें काफी फायदा होता है. साथ ही गोबर का दुरुपयोग होने से भी बच जाता है. महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे रंग और गुलाल में कोई मिलावट नहीं है. महिलाओं द्वारा इस रंग और गुलाल को मेहनत से तैयार किया जाता है. फिर उसकी पैकिंग कर उसे बाजारों में और लोगों तक पहुंचाया जाता है.आर्थिक स्थिति में हुआ सुधारलोगों की डिमांड को देखते हुए पिछले 3 वर्षों से लगातार होली पर्व पर महिलाओं का समूह रंग और गुलाल तैयार करता है. लोगों की डिमांड के अनुसार महिलाओं का समूह अलग-अलग दिन में यह रंग और गुलाल तैयार करता है. रामादेवी ने बताया कि हम गाय के गोबर में आरारोट और कई चीजें मिलाकर रंग और गुलाल तैयार करते हैं. इससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान चेहरे पर नहीं पड़ता.महिलाएं हो रहीं मजबूतसमूह की कोषाध्यक्ष संजू देवी ने बताया कि मेरी समूह में 14 महिलाएं जुड़ी हैं. होली पर्व को देखते हुए देसी गाय के गोबर से गुलाल और रंग तैयार किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक है. इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी केमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है. महिलाओं को इस व्यवसाय से न सिर्फ आत्मनिर्भरता मिल रही है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 05, 2023, 00:42 IST
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Maharashtra farmer gets Rs 6 aid for crop losses; says can’t even buy cup of tea with it
Tangde said, “I have just two acres of land. I got a message that Rs 6 have been…

