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sitting jobs long hours can cause dangerous diseases and harmful effects nsmp | Sitting Jobs: घंटों बैठे रहने से हो सकती हैं ये जानलेवा बीमारियां, ऐसे बचें



Harmful Effects Of Sitting Long Hours: Health Tips: शरीर को सही आहार मिलने के साथ ही समय-समय पर व्यायाम की भी जरूरत होती है. एक्सरसाइज करने से व्यक्ति सेहतमंद रहता है. क्योंकि अगर आप खाना खाकर सिर्फ बैठे रहते हैं, तो ये  कई समस्याओं का कराण बन सकता है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि देर तक बैठकर काम करने से शरीर पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है. आजकल 90 प्रतिशत ऑफिस में काम करने वाले लोगों को 5 से 6 घंटे लगातार बैठे-बैठे बीत जाता है, जो कि शरीर के लिए बेहद हानिकारक है. हालांकि, आप लगातार बैठकर काम करने के बीच में 5-10 मिनट का ब्रेक लेकर टहल सकते हैं. एक शोध में बताया गया कि हर आधे घंटे में पांच मिनट टहलने से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है.
लगातार बैठकर काम करने से व्यक्ति के शरीर में कई गंभीर बीमारियां जन्म लेने लगती हैं. साथ ही इससे दिमाग पर भी काफी जोर पड़ता है. डॉक्टर्स का कहना है कि या तो आप बीच-बीच में उठकर टहल सकते हैं, या फिर पानी पी लिया करें. इससे बॉडी का मूवमेंट होता रहेगा. आइये आपको बताते हैं, घंटों बैठकर काम करने से शरीर को कौन सी जानलेवा बीमारियों के होने का खतरा होने लगता है.  मेंटल हेल्थ होती है प्रभावितअगर आप घंटों लैपटॉप के सामने बैठे रहते हैं और काम में मशगूल बिना ब्रेक के 4 से 5 घंटे निकाल देते हैं, तो इस आदत को बदलने की जरूरत है. आप हर एक घंटे पर थोड़ी देर के लिए उठकर वॉक करने की आदत डालें. इससे न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा. एक स्टडी में पाया गया कि हर घंटे उठकर 5 मिनट वॉकिंग या टहलना थकान को कम करता है. साथ ही ऐसे लोगों का मिजाज़ भी बढ़िया रहता है. दरअसल, टहलने से मूड अच्छा रहता है.
5 मिनट का ब्रेक जरूरीदरअसल, ज्यादा देर तक बैठकर काम करने से लोगों में डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियां घर करने लगती हैं. साथ ही जानलेवा बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है. जो लोग ऑफिस में या घर पर पूरे दिन बैठकर लैपटॉप, कंप्यूटर पर काम करते हैं, उनमें ब्रेक लेकर काम करने वाले लोगों के मुकाबले बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. कोशिश करें अधिक से अधिक फिजिकल एक्टिविटी को समय देने की. इससे मौत का जोखिम भी कम होता है. 
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